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साइबर ठगों को भाड़े पर बैंक खाता उपलब्ध करवाता था बंगाल का रंजीत, बैंक मैनेजर से ठगे थे 23 लाख - BANK MANAGER FRAUD CASE

पलामू में बैंक मैनेजर से ठगी मामले में एक साइबर अपराधी की गिरफ्तारी हुई है.अपराधी भाड़े पर साइबर ठगों को बैंक खाता उपलब्ध करवाता था.

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पुलिस गिरफ्त में साइबर अपराधी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 11 hours ago

पलामू: साइबर अपराधियों को भाड़ा पर बैंक खाता उपलब्ध करवाने वाले रंजीत मैती को पलामू पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रंजीत मैती पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के ईरगा के रुक्मणीपुर गांव का रहने वाला है. बताया जाता है कि अक्टूबर 2023 में पलामू के मेदिनीनगर के दिलीप कुमार दास से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी. दिलीप पेशे से बैंक मैनेजर थे.

बताया जाता है कि दिलीप के साथ हुए साइबर ठगी का एक बड़ा हिस्सा रंजीत मैती के बैंक खाते में गया था. रंजीत मैती के खाता में सीधे तौर पर 4.90 लाख जबकि जबकि अलग-अलग माध्यमों से करीब डेढ़ लाख रुपये गए थे. पूरे मामले में पलामू पुलिस की साइबर टीम तकनीकी अनुसंधान कर रही थी कि इसी क्रम में रंजीत मैती का नाम निकलकर सामने आया. प्रशिक्षु डीएसपी राजेश यादव एवं साइबर थाना प्रभारी विश्राम उरांव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल में छापेमारी की और रंजीत मैती को गिरफ्तार कर लिया गया.

डीएसपी राजेश यादव ने बताया कि रंजीत साइबर अपराधियों को भाड़े पर बैंक खाता उपलब्ध करवाता है. रंजीत के पास 20 अलग- अलग बैंक खाता है, जो जामताड़ा के रहने वाले साइबर ठगों को भाड़ा पर उपलब्ध करवाया गया है. रंजीत साइबर अपराधियों को पांच से हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से बैंक खाता उपलब्ध करवाता था. उन्होंने बताया कि रंजीत साइबर अपराधियों को बैंक खातों का इंटरनेट एक्सेस के साथ-साथ एटीएम कार्ड और डेबिट कार्ड भी उपलब्ध करवाता था.

जामताड़ा के कुख्यात अबू बकर और अरशद से जुड़ा है रंजीत

डीएसपी राजेश यादव ने बताया कि रंजीत कुमार मैती कुख्यात साइबर अपराधी अबू बकर और अरशद के साथ पढ़ाई किया है. दोनों साइबर अपराधी जामताड़ा के रहने वाले हैं और बैंक मैनेजर ठगी कांड के मास्टरमाइंड हैं. दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. अबू बकर और अरशद कई बार जेल जा चुके हैं. इस छापेमारी में सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार दास कांस्टेबल संतोष कुमार राजकुमार राम भी शामिल थे.

ये भी पढ़ें: शिकंजे में साइबर ठग, बैंक मैनेजर के खाते से उड़ाए थे 23 लाख

ये भी पढ़ें: पलामू में बैंक लूट का मामला: गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज, सीसीटीवी का डीवीआर ले भागे अपराधी

पलामू: साइबर अपराधियों को भाड़ा पर बैंक खाता उपलब्ध करवाने वाले रंजीत मैती को पलामू पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रंजीत मैती पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के ईरगा के रुक्मणीपुर गांव का रहने वाला है. बताया जाता है कि अक्टूबर 2023 में पलामू के मेदिनीनगर के दिलीप कुमार दास से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी. दिलीप पेशे से बैंक मैनेजर थे.

बताया जाता है कि दिलीप के साथ हुए साइबर ठगी का एक बड़ा हिस्सा रंजीत मैती के बैंक खाते में गया था. रंजीत मैती के खाता में सीधे तौर पर 4.90 लाख जबकि जबकि अलग-अलग माध्यमों से करीब डेढ़ लाख रुपये गए थे. पूरे मामले में पलामू पुलिस की साइबर टीम तकनीकी अनुसंधान कर रही थी कि इसी क्रम में रंजीत मैती का नाम निकलकर सामने आया. प्रशिक्षु डीएसपी राजेश यादव एवं साइबर थाना प्रभारी विश्राम उरांव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल में छापेमारी की और रंजीत मैती को गिरफ्तार कर लिया गया.

डीएसपी राजेश यादव ने बताया कि रंजीत साइबर अपराधियों को भाड़े पर बैंक खाता उपलब्ध करवाता है. रंजीत के पास 20 अलग- अलग बैंक खाता है, जो जामताड़ा के रहने वाले साइबर ठगों को भाड़ा पर उपलब्ध करवाया गया है. रंजीत साइबर अपराधियों को पांच से हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से बैंक खाता उपलब्ध करवाता था. उन्होंने बताया कि रंजीत साइबर अपराधियों को बैंक खातों का इंटरनेट एक्सेस के साथ-साथ एटीएम कार्ड और डेबिट कार्ड भी उपलब्ध करवाता था.

जामताड़ा के कुख्यात अबू बकर और अरशद से जुड़ा है रंजीत

डीएसपी राजेश यादव ने बताया कि रंजीत कुमार मैती कुख्यात साइबर अपराधी अबू बकर और अरशद के साथ पढ़ाई किया है. दोनों साइबर अपराधी जामताड़ा के रहने वाले हैं और बैंक मैनेजर ठगी कांड के मास्टरमाइंड हैं. दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. अबू बकर और अरशद कई बार जेल जा चुके हैं. इस छापेमारी में सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार दास कांस्टेबल संतोष कुमार राजकुमार राम भी शामिल थे.

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