सूरत: लोकसभा चुनाव के बीच जहां कई नेता हिंदू-मुसलमानों के बीच एक-दूसरे के प्रति नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं, वहीं गुजरात के सूरत जिले में सांप्रदायिक एकता और मानवता की ताजा मिसाल देखने को मिली है. यहां मुस्लिम युवकों ने एक बुजुर्ग हिंदू महिला के निधन के बाद हिंदू रीति-रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया.
दरअसल, हलधरू गांव में मुस्लिम आबादी वाले मोहल्ले में एकमात्र हिंदू परिवार रहता है. इस परिवार में केवल मां और बेटा थे, वहीं 75 वर्षीय वृद्ध माता इंदुबेन मैसूरिया का निधन हो जाने से अब परिवार में उनका 50 वर्षिय बेटा राजू मैसूरिया रह गया है वो भी लकवा बीमारी से ग्रस्त हैं.
लकवा ग्रस्त बेटे के लिए अपनी मृतक माता का अंतिम संस्कार करना मुश्किल था, इसलिए उन्होंने पड़ोसी मुस्लिम परिवारों से संपर्क किया. यह बात सुनते ही मोहल्ले के सारे मुस्लिम युवा और बुजुर्ग एकत्र हो गए और इंदुबेन की अंतिम क्रियाक्रम की जिम्मेदारी उठाई और हिंदू रीति-रिवाज से इंदुबेन की अंतिम यात्रा निकाली और बारडोली स्थित श्मशान गृह में हिंदू शास्त्रों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया.