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'जब तक जीवित रहूंगी, छठ पूजा करती रहूंगी', नजमा खातून की आस्था है बेमिसाल

बिहार में छठ के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल दिखती है. कई मुस्लिम महिलाएं भी छठ व्रत करती हैं, इसमें नजमा खातून भी शामिल हैं.

मुस्लिम छठ व्रती नजमा खातून
मुस्लिम छठ व्रती नजमा खातून (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 2, 2024, 9:16 PM IST

पटना :लोक आस्था का महापर्व छठदुनिया भर में लोकप्रिय हो गया है. बिहार, यूपी और झारखंड के लोग जहां कहीं भी रहते हैं, छठ करते हैं. कई अन्य राज्यों में भी छठ होने लगे हैं. छठ के समय बिहार में एक अलग ही भक्तिमय माहौल तैयार हो जाता है. इस महापर्व की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पर्व में बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती है. मुस्लिम समुदाय की महिलाएं भी छठ महापर्व में अपना योगदान देती हैं.

लगातार 11 साल छठ कर रही हैं नजमा :पटना के छज्जू बाग में एक ऐसी ही मुस्लिम महिला नजमा खातून रहती हैं, जो इस बार लगातार 11 वां वर्ष होगा जब छठ करेंगी. नजमा बताती हैं कि वह छठ महापर्व पूरी शुद्धता के साथ करती हैं और दशहरा खत्म होने के बाद घर में लहसुन प्याज का इस्तेमाल भी बंद कर देती हैं. घर में कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही लहसुन प्याज का इस्तेमाल शुरू होता है.

नजमा खातून से खास बातचीत. (ETV Bharat)

''छठी मैया में मेरी पूरी आस्था है. वह छठी मैया से जो भी कामना करती हूं, वह पूरा हो जाता है. छठी मैया की पूजा के लिए नहाय खाय के दिन गंगा घाट जाती हूं और गंगा स्नान करती हूं. गंगा स्नान के बाद जल लेकर आती हूं और उसी जल से छठ महापर्व का प्रसाद तैयार करती हूं.''-नजमा खातून, मुस्लिम छठ व्रती

'पूरे विधि विधान से छठ पूजा' :नजमा खातून बताती हैं कि छठ पूजा के खरना के दिन पूरे साफ-सफाई से आम की लकड़ी के जलावन से प्रसाद बनाती हैं और प्रसाद बनाने में उनकी बेटियां मदद करती हैं. प्रसाद में ठेकुआ, खजूर बनाती हैं. अर्घ्य के दिन गाड़ी रिजर्व करके पूरे परिवार के साथ गंगा किनारे छठ घाट जाती हैं. पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती है.

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

''हिंदू लोग जैसे छठ पूजा करते हैं उसी तरीके से हम भी छठ पूजा करते हैं. आसपास घाट पर जो हिंदू लोग रहते हैं, सभी पूजा में मदद करते हैं. छठ पूजा में कोई भेद नहीं होता है. एक इंसान के तौर पर हम सभी एक होते हैं. जब तक जीवित रहूंगी, छठ पूजा करती रहूंगी.''-नजमा खातून, मुस्लिम छठ व्रती

संतान प्राप्ति की कामना के लिए शुरू किया छठ :नजमा खातून बताती हैं कि पहले उन्हें बच्चे नहीं होते थे और बच्चे हुए तो वह जिंदा नहीं रहे. शादी के 5 साल तक कोई बच्चा नहीं था. दो बच्चों की जन्म के बाद मौत हो गई थी. लोगों से कहते सुना था कि छठी मैया का पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके बाद छठ पूजा में गंगा घाट जाकर छठी मैया से मन्नत मांगी कि बच्चे हुए तो वह छठ करेंगी. इसके बाद उन्हें बच्चे हुए और उनके पांच बच्चे हैं. तीन बेटा, दो बेटी.

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

''बच्चे जब छोटे थे तो छठ पूजा के दिन उपवास में रहती थी. बच्चे जब थोड़े बड़े हुए तो छठ व्रत करना शुरू कर दिया. एक बेटी की शादी कर दी हूं. इस बार छठी मैया से कामना करती हूं कि बेटी को नौकरी लग जाए. मैं छठी मैया से जो मांगती हूं वह मिलता है, इसलिए उनकी इसमें गहरी आस्था है.''- नजमा खातून, मुस्लिम छठ व्रती

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