गाजीपुर/कासगंजः अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक की तरह ही मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक (Mukhtar ansari supurd e khak) में भी पत्नी और बेटा शामिल नहीं हो सके. मुख्तार अंसारी के शव को सुबह 11 बजे मोहम्मदाबाद स्थित काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
बता दें कि बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गुरुवार शाम हार्ट अटैक पड़ा था. जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती कराया गया. रात करीब 10.30 बजे डॉक्टरों ने मुख्तार को मृत घोषित कर दिया था. रात करीब 1.30 बजे एंबुलेंस मुख्तार का शव लेकर उसके गाजीपुर स्थित आवास पहुंच गई. बताया गया कि मुख्तार के शव को घर के पास ही स्थित कब्रिस्तान में सुबह दस बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. मुख्तार के शव को माता-पिता की कब्रों के पास ही दफनाया जाएगा. उसके सुपुर्द ए खाक में पत्नी आफशां अंसारी बेटा अब्बास अंसारी नहीं शामिल हो सकेंगे.
जेल में बंद अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में नहीं हो सका शामिल. दरअसल, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी भी अतीक की पत्नी शाइस्ता की तरह करीब तीन साल से भूमिगत है. उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज है. गाजीपुर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. उसकी तलाश ईडी भी कर रही है. कई नोटिसों के बावजूद वह पेश नहीं हुई है. शनिवार को मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक के दौरान आफशां अंसारी पर पुलिस की नजरें रहेंगी. वहीं, मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी कासगंज की जेल में बंद हैं. पिता के सुपुर्द-ए-खाक में शामिल होने के लिए उसे कोर्ट से पेरोल नहीं मिल सकी है.
बता दें कि प्रयागराज में अतीक अहमद के सुपुर्द-ए-खाक में उसकी पत्नी शाइस्ता औऱ बेटे शामिल नहीं हो सके थे. कुछ ऐसा ही संयोग आज मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक में पड़ा जब उसकी पत्नी और बेटा अब्बास शामिल नहीं हो सके.
पिता के जनाजे में न शामिल होने पर अब्बास गमजदा, एक घूंट पानी पी रखा रोजा
कासगंज जिला जेल के सुपरिंटेंडेंट विजय विक्रम सिंह ने बताया कि अब्बास अंसारी ने गुरुवार रात को जब से पिता की मौत की खबर सुनी है वह गुमसुम सा है और तब से उसने कुछ भी खाया पिया नहीं है. हालांकि अब्बास अंसारी रमजान का पवित्र महीना होने के चलते रोजे रख रहा है. जेल प्रशासन की तरफ से रोजे में जो भी खाद्य पदार्थ दिए जाने होते हैं वह नियमानुसार दिए जा रहे हैं. पिता की मौत के समाचार के बाद वह ना तो किसी से बात कर रहा है और ज्यादातर समय जमीन पर लेटकर और जेल की बैरक की छत की तरफ एकटक देखे जा रहा है.अब्बास अंसारी बीच में कभी कभार बैरक के अंदर चहल कदमी भी कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज शनिवार तड़के लगभग 3:00 बजे के आसपास अब्बास अंसारी ने रोजा रखने से पहले सहरी नहीं की और एक घूंट पानी पीकर दुआ (नियत) पढ़ कर रोजे की शुरुआत की. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह पिता के अंतिम संस्कार में शामिल न होने पर कितना गमज़दा है.
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