चुनाव प्रचार पर सांसद निशिकांत दुबे का बयान दुमकाः गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद और 2024 के भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे का कहना है कि उनके खिलाफ विपक्ष के पास कोई दमदार नेता नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जेएमएम कोई प्रत्याशी देगा तो वो चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस अगर प्रदीप यादव उम्मीदवार बनाती है तब भी वो प्रचार नहीं करेंगे. सीधे रिजल्ट लेने जाएंगे.
नहीं करुंगा चुनाव प्रचार
निशिकांत दुबे ने दुमका में चुनौती देते हुए कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि अगर मेरे खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा गोड्डा लोकसभा से उम्मीदवार देता है तो हम अपना चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. नॉमिनेशन दाखिल करने के बाद सीधे चुनाव परिणाम के दिन रिजल्ट लेने जाएंगे. इस इलेक्शन कैंपेनिंग में टाइम पास के लिए मैं कहीं चाय पीता या कहीं क्रिकेट खेलते नजर आऊंगा. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि गोड्डा से झामुमो प्रत्याशी दे सकता है.
प्रदीप यादव को दे चुके हैं कई बार पटखनी
वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में गोड्डा लोकसभा के प्रत्याशी निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर हमारे क्षेत्र से कांग्रेस से प्रदीप यादव चुनाव लड़ते हैं तो भी मैं अपनी जीत के प्रति काफी आश्वस्त रहूंगा और शायद मुझे यहां भी चुनाव प्रचार की जरूरत नहीं पड़े, क्योंकि मैं उन्हें कई बार पटखनी दे चुका हूं. फिर एक बार हराने के लिए मेहनत की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अगर कांग्रेस से कोई दूसरा प्रत्याशी आता है तो फिर चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करेंगे.
सीता सोरेन के सामने सभी की होगी जमानत जब्त
दुमका लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन के संबंध में निशिकांत दुबे ने कहा कि उनके खिलाफ तो झारखंड मुक्ति मोर्चा में कोई प्रत्याशी ही नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में झामुमो नेता स्टीफन मरांडी और नलिन सोरेन ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. हेमंत सोरेन के भी नहीं लड़ने की बात उनकी ही पार्टी के नेता कर रहे हैं. कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनकर चंपाई सोरेन को हटाना चाहती हैं, इसलिए वह गांडेय विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगी. ऐसे में कोई उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि सीता सोरेन के सामने जो भी प्रत्याशी खड़े होंगे उनकी जमानत जब्त हो जाएगी.
कोर्ट में हुई पेशी
आज निशिकांत दुबे दुमका के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में तीन मामलों में पेश हुए. इसमें एक मामला देवघर के बाबा मंदिर थाना का था. इसमें उनकी पत्नी भी आरोपी थी. जिसमें उनपर बाबा मन्दिर में पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री के साथ विवाद का आरोप था. इस केस में दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया और वे केस से बरी हो गए. दूसरा मामला मधुपुर थाना क्षेत्र का था, जहां मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में झंडा बांधने को लेकर विवाद हुआ था. इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 06 अप्रैल की तारीख दी है, एक अन्य मामला भी आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित था.
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