इंदौर:मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक महिला अफसर का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो सामने आने के बाद महिला अफसर पर एमपी पीएससी में धांधली का आरोप लग रहा है. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने महिला अधिकारी की दिव्यांगता के आधार पर सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं. दिव्यांगता का गलत इस्तेमाल करने को लेकर उठ रहे सवाल पर खुद एक्साइज महिला ऑफिसर प्रियंका कदम ने सफाई देते हुए अपने मेडिकल के सारे रिकॉर्ड और एक्स-रे रिपोर्ट दिखाए. साथ ही किसी भी तरह की जांच की बात कही है.
डांस वीडियो से चर्चा में महिला अफसर
इस मामले में नेशनल एजुकेशन यूथ यूनियन ने एक्साइज ऑफिसर प्रियंका कदम के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं. साथ ही अधिकारी की दिव्यांगता की नए सिरे से जांच की मांग की है. दरअसल, उज्जैन के मोदी गली में रहने वाली प्रियंका कदम का सिलेक्शन 2022 की राज्य लोक सेवा परीक्षा में हुआ था. जिसके बाद उन्हें जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया. 2022 में सिलेक्शन के बाद प्रियंका कदम साल 2025 फरवरी में अचानक सुर्खियों में आ गईं. इसकी वजह सोशल मीडिया पर उनका वायरल हो रहा वीडियो है.
MPPSC में सिलेक्शन पर उठे सवाल
प्रियंका का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जो वीडियो डाला गया, उसके बाद कहा जा रहा है कि जिस तरह से वह डांस कर रही हूं, किसी भी दिव्यांग व्यक्ति के लिए वह डांस संभव नहीं है. प्रियंका कदम का यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, वैसे ही प्रियंका के दिव्यांगता के आधार पर एमपी पीएससी में हुए सिलेक्शन पर सवाल उठने लगे. इसी बीच नेशनल एजुकेशन यूथ यूनियन के राधे जाट ने इस मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि "प्रियंका का सिलेक्शन कहीं ना कहीं फर्जीवाड़ा के आधार पर किया गया है, क्योंकि यदि कोई अभ्यर्थी 40 से 45% दिव्यांग है, तो वह इस तरह के डांस करते हुए सामान्य लोगों की तरह नाच ही नहीं सकता.