कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या मामले में मृत लेडी डॉक्टर की मां ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे कि मुख्यमंत्री विरोध को रोकने की कोशिश कर रही हैं. आज उन्होंने यहां धारा 144 लगा दी है ताकि लोग विरोध न कर सकें.
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "घटना के बाद उनके पास अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया. उसके बाद जब मैंने फोन करके पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने को कहा. जब हमने दोबारा फोन किया, तो (फोन करने वाले) ने कहा कि आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है."
बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की
उन्होंने कहा कि वह (मृतक) गुरुवार को ड्यूटी पर गई थी, हमें शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर यह फोन आया. जब हम वहां पहुंचे, तो हमें उसे देखने नहीं दिया गया, हमें उसे 3 बजे देखने दिया गया. उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था. उसका हाथ भी टूटा हुआ था, जबकि उसकी आंखों, मुंह से खून निकल रहा था. उसे देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. मैंने उनसे कहा कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है. हमने अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई.
ममता बनर्जी के आह्वान पर क्या बोलीं पीड़ित की मां?
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आह्वान पर वे कहती हैं, "उन्होंने (ममता बनर्जी) कहा था कि अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. मुझे यकीन है कि इस घटना में और भी कई लोग शामिल हैं. मुझे लगता है कि इस घटना के लिए पूरा विभाग जिम्मेदार है."
उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिल्कुल भी अच्छा काम नहीं किया. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री विरोध को रोकने की कोशिश कर रही हैं, आज उन्होंने यहां धारा 144 लगा दी है ताकि लोग विरोध न कर सकें. पुलिस कमिश्नर को लेकर उनका कहना है कि उन्होंने हमारे साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया, उन्होंने बस जल्द से जल्द मामले को दबाने की कोशिश की. उनकी कोशिश थी कि जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाकर शव को हटाया जाए.
विभाग या कॉलेज से किसी ने भी हमारा सहयोग नहीं किया- मृतक के पिता
वहीं, मृत डॉक्टर के पिता ने कहा, "जांच चल रही है, उसका कोई नतीजा नहीं निकला है. हमें उम्मीद है कि हमें नतीजे मिलेंगे... विभाग या कॉलेज से किसी ने भी हमारा सहयोग नहीं किया. पूरा विभाग इसमें शामिल है... श्मशान घाट पर तीन शव थे, लेकिन हमारी बेटी का शव पहले जला दिया गया... मुख्यमंत्री न्याय दिलाने की बात कर रही हैं, लेकिन फिर न्याय मांगने वाले आम लोगों को जेल में डालने की कोशिश की जा रही है. हम मुख्यमंत्री से संतुष्ट नहीं हैं. हमने कोई भी मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है.
कोर्ट ने लिया संज्ञान
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई थी. घटना वाले दिन पीड़िता की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी थी. वह रात में आराम करने के लिए हॉल में गई थी. जहां उस पर बेरहमी से हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले में फिलहाल अस्पताल में तैनात एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ 20 अगस्त यानी मंगलवार को मामले में सुनवाई करेगी.
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