नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) 4 की पाबंदियों को लागू कर दिया गया है. इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार दोपहर 12:00 दिल्ली सचिवालय में कई विभागों की मीटिंग बुलाई थी. इसमें सभी विभागों के प्रमुखों को बुलाया गया था. लेकिन वह नहीं पहुंचे, जिसके बाद मीटिंग पोस्टपोंन कर दी गई. विभाग प्रमुखों के आने पर तीन बजे मीटिंग हुई. मीटिंग में दिल्ली में ग्रेप के चौथे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया और उनको सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके.
दिल्ली सरकार यह पहले से भी आरोप लगाती आ रही है कि अधिकारी चुनी हुई सरकार के विधायकों मंत्रियों का कहना नहीं मानते हैं. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के पर्सनल असिस्टेंट चंदन कुमार ने कहा कि विभाग प्रमुखों ने अपनी जगह अधिकारियों को भेज दिया जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम नहीं होते हैं. ऐसे में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीटिंग को पोस्टपोन कर दिया और और सभी विभागों के प्रमुखों से आने को कहा.
पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की मार झेल रहा है। ऐसे समय में भी केंद्र की बीजेपी सरकार सो रही है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री मौन व्रत धारण करके बैठे हुए हैं। यह बेहद ही ख़तरनाक है।
— AAP (@AamAadmiParty) November 18, 2024
उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण पराली जलना है। एक तरफ़ हमारी पंजाब सरकार ने पराली जलने की… pic.twitter.com/CM0jFrJHlh
बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आज प्रदूषण की गंभीर परिस्थिती के कारण बुजुर्गों को काफी तकलीफ हो रही है. बच्चों के स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं. उत्तर भारत में बहादुरगढ़ में एक्यूआई 477, भिवानी में 468, चुरू में 472, गुरूग्राम में 448, धारू हेरा में 410 हो गया है. पूरे उत्तर भारत में बदलते मौसम में प्रदूषण का प्रभाव मारक होता जा रहा है. उत्तर भारत गंभीर प्रदूषण की चपेट में है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. देश का आधा हिस्सा प्रदूषण की चपेट में है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहल करके सभी राज्यों के साथ मिलकर के काम करने का समय है.
किए गए ये बदलाव: गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में ग्रेप-4 लागू हो चुका है जिसके अंतर्गत दिल्ली में बड़े ट्रक, बीएस-4 के डीजल वाहन की एंट्री पर प्रतिबंध तथा सभी तरह के निर्माण एवं विध्वंस की गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. सिर्फ सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएस-6 डीजल और आवश्यक वस्तुओं/ सेवाएं प्रदान करने वाली कॉमर्शियल वाहनों को छूट रहेगी. स्वाथ्य विभाग को आदेश दिया गया है की वह एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करे, ताकि प्रदूषण संबंधित मरीजों को इलाज किया जा सके.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर साधा निशाना: गोपाल राय ने आगे कहा कि यदि केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी लेते हुए सभी संबंधित राज्यों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्ययोजना बनाई होती आज उत्तर भारत के लोगों को यह दिन नहीं देखना पड़ता. मैंने अगस्त के महीने में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस बाबत पत्र भेजा था. आज ढाई महीने हो गए. मैंने आग्रह किया था कि वह सभी संबंधित केंद्रीय एजेंसियों, राज्यों, दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर यह कार्य योजना बनाएं. लेकिन ढाई महीने बीतने के बाद भी उन्हें एक बैठक बुलाने का समय नहीं मिला.
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