मालदा: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बार फिर कहा है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. बता दें कि सात दिनों के अंतराल में ममता बनर्जी ने दूसरी बार उक्त बातें बुधवार को मालदा में अपने भाषण के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की थी लेकिन कांग्रेस इससे सहमत नहीं हुई और उसने अधिक सीटों की मांग की. मुख्यमंत्री ममता ने मालदा में रैली के अलावा पार्टी की बैठक में भाग लिया. इस दौरान भी मंच से उनके भाषण के दौरान इंडिया गठबंधन सीट बंटवारे का मुद्दा उठा.
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस से कहा कि आपके पास एक भी विधायक नहीं है, मैं आपको मालदा में दो सीटें दे रही हूं और हम आपको जीतने में मदद करेंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते हावड़ा के डुमुरजला स्टेडियम से घोषणा की थी कि टीएमसी लोकसभा के चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर क्या होगा, यह वह चुनाव के बाद तय करेंगी.
ममता बनर्जी ने सीट बंटवारे के मुद्दे पर सहमति नहीं बने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कहा कि हमें और सीटें चाहिए. इस पर मैंने कहा कि मैं आपको और अधिक सीटें नहीं दूंगी और आपको (कांग्रेस) पहले सीपीएम के साथ गठबंधन छोड़ देना चाहिए. संयोग से, 2019 में भी वाम-कांग्रेस गठबंधन ने बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें कांग्रेस ने दो सीटें जीतीं, लेकिन वाम मोर्चा एक भी सीट नहीं जीत सका था. अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस द्वारा जीती गई दो सीटों में से एक के सांसद हैं और लोकसभा में कांग्रेस के नेता भी हैं. चौधरी बहरामपुर से जीते हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने आज जिन दो निर्वाचन क्षेत्रों की बात की, उनमें से एक मालदा (दक्षिण) पर कांग्रेस का कब्जा था. वहीं मालदा (उत्तर) सीट बीजेपी ने जीती थी.
बताया जा रहा है कि तृणमूल को कांग्रेस द्वारा जीती गई दो सीटों में से एक सीट छोड़ने का फॉर्मूला दिया गया था. लेकिन अधीर रंजन चौधरी लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस के आलोचक रहे हैं. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर दोनों पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व करीब आया, लेकिन अधीर रंजन एक इंच भी आगे नहीं बढ़े. हाल ही में, तृणमूल कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल में इंडिया के पतन के लिए अधीर रंजन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है.
हाल ही में, तृणमूल कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के पतन के लिए अधीर रंजन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है. इंडिया गठबंधन में रहते हुए भी ममता ने मंच से कांग्रेस और सीपीएम पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री के भाषण में यह तथ्य भी सामने आया कि मालदा में कभी कांग्रेस मजबूत थी और यही कारण है कि मालदा की जनता ने बार-बार कांग्रेस को वोट दिया है.
इंडिया गठबंधन में रहते हुए भी ममता ने मंच से कांग्रेस और सीपीएम पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री के भाषण में यह तथ्य भी सामने आया कि मालदा में कभी कांग्रेस मजबूत थी और यही कारण है कि मालदा की जनता ने बार-बार कांग्रेस को वोट दिया है. मुख्यमंत्री ने उन लोगों से धरना-प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है जो 100 दिन का काम आवास योजना समेत विभिन्न योजनाओं से वंचित हैं. बुधवार को उन्होंने जिले के विधायकों और सांसदों को निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर लोक सेवकों (विधायक, सांसद आदि) के एक महीने के वेतन से इन वंचित लोगों को कोलकाता ले जाने की व्यवस्था करें. उन्होंने मामले का अंत देखने की भी कसम भी खाई. सीएम ने कहा कि मैं 2 फरवरी से बीआर अंबेडकर प्रतिमा पर धरना दूंगी. उन्होंने कहा कि सभी वंचित मनरेगा श्रमिकों और लाभार्थियों जिन्हें 11 लाख घर (आवास) नहीं मिले हैं, उन्हें धरना मंच पर इकट्ठा होना चाहिए. सीएम ममता ने कहा कि पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, ब्लॉक, नगर पालिकाओं, विधायकों और सांसदों को उन्हें (वंचित मनरेगा और आवास लाभार्थियों को) 3 फरवरी को दोपहर 1 बजे तक रेड रोड में बीआर अंबेडकर की मूर्ति तक ले जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें - जब तक जीवित हूं, बंगाल में सीएए लागू नहीं होने दूंगी: ममता