नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान की कवरेज को लेकर मीडिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, एग्जिट पोल के अनुमान लोगों में भारी भ्रम पैदा करते हैं, इसलिए चुनाव विशेषज्ञों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. उन्होंने चुनाव विशेषज्ञों से एग्जिट पोल की प्रक्रिया का आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया.
एग्जिट पोल फेल होने पर सीईसी कुमार ने कहा, "पिछले कुछ चुनावों में अगर हम पूरे परिदृश्य को एक साथ देखें तो दो चीजें एक साथ हो रही हैं... पहली, एग्जिट पोल आता है - हम इसे नियंत्रित नहीं करते... लेकिन आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है, जैसे कि सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां किया गया, नतीजे कैसे आए और अगर मैं उस नतीजे से मेल नहीं खाता तो मेरी क्या जिम्मेदारी है, क्या कोई खुलासा हुआ है? - इन सभी बातों को देखने की जरूरत है."
यह बकवास है...
उन्होंने मतगणना शुरू होने के 15-30 मिनट के भीतर टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले शुरुआती रुझानों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अपेक्षाएं शाम 6 बजे से बढ़ जाती हैं... लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. जब मतगणना शुरू होती है, तो सुबह 8.05-8.10 बजे नतीजे आने शुरू हो जाते हैं. यह बकवास है. (ईवीएम की) पहली गिनती सुबह 8.30 बजे शुरू होती है... क्या शुरुआती रुझान एग्जिट पोल को सही ठहराते हैं?... हम सुबह 9.30 बजे (ईसी) वेबसाइट पर नतीजे डालना शुरू करते हैं... इसलिए, जब वास्तविक नतीजे आने शुरू होते हैं, तो उनमें अंतर होता है."