हैदराबाद:लगातार तीन बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वाली आम आदमी पार्टी (आप) अपने चौथे विधानसभा चुनाव में चारों खाने चित हो गई. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. खुद अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे दिग्गज नेता भी अपनी सीटें नहीं बचा पाए. पिछले दो चुनावों में 60 से ज्यादा सीटें जीतने वाली आप इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई. आइए एक नजर डालते हैं आम आदमी पार्टी के 13 सालों के उतार-चढ़ाव भरे सफर पर.
आम आदमी पार्टी का गठन
- 02 अक्टूबर 2012: अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरे भ्रष्टाचार योद्धा अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा की.
- 26 नवंबर, 2012:पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी की शुरुआत की गई. प्रख्यात वकील शांति भूषण ने 1 करोड़ रुपये का पहला दान दिया.
2013: समर्थन जुटाने और राजधानी में कांग्रेस सरकार पर बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर हमला करने के लिए पूरे दिल्ली में रैलियां आयोजित की गईं.
आप पार्टी का शानदार आगाज
- 4 दिसंबर, 2013: दिल्ली में चुनाव हुए.
- 8 दिसंबर, 2013: केजरीवाल की आप ने शानदार आगाज किया और दिल्ली चुनाव में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
- 12 दिसंबर, 2013: दिल्ली भाजपा ने तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की. संख्याबल न होने का हवाला देकर सरकार बनाने से इनकार कर दिया. दिल्ली में आप की पहली सरकार का गठन.
- 13 दिसंबर, 2013: दिल्ली चुनाव में 8 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने उपराज्यपाल को आप को बिना शर्त समर्थन देने का पत्र सौंपा.
- 14 दिसंबर, 2013: आप ने कांग्रेस और भाजपा के साथ मिलकर काम करने के लिए 18 शर्तें रखीं. केजरीवाल ने उपराज्यपाल से यह तय करने के लिए 10 दिन का समय मांगा कि वह दिल्ली में सरकार बनाएंगे या नहीं.
- 18 दिसंबर, 2013: आप ने यह तय करने के लिए जनमत संग्रह की घोषणा की कि उसे कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए या नहीं. 21 दिसंबर, 2013: कांग्रेस ने कहा कि आप को समर्थन 'मुद्दों पर आधारित' है और बिना शर्त नहीं है.
- 22 दिसंबर, 2013: आप ने दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला किया. केजरीवाल की जन हितैषी योजनाएं
- 30 दिसंबर, 2013: आप ने मीटर वाले घरों के लिए 20,000 लीटर मुफ्त पानी की घोषणा की.
- 31 दिसंबर, 2013: 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वालों के लिए बिजली की दरें आधी कर दी गईं. CAG को बिजली कंपनियों का ऑडिट करने का आदेश दिया गया.
केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया
- 14 फरवरी, 2014: दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पारित न कर पाने के कारण केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया. दावा किया कि कांग्रेस के साथ निर्णय लेना मुश्किल है.
- 2014:एक महीने के भीतर 1 करोड़ सदस्य केजरीवाल ने इस्तीफा दिया. आप ने लोकसभा चुनाव लड़ा, 543 सीटों में से केवल 04 लोकसभा सीटें जीतीं.
दिल्ली चुनाव में केजरीवाल की धमाकेदार वापसी
- 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव: केजरीवाल के पक्ष में चुनावी लहर. आप ने 54.3% प्रतिशत के साथ 70 में से 67 सीटें जीतीं.
- 15 फरवरी, 2015:दिल्ली में 70 में से 67 सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल कर सरकार बनाई.
- 28 मार्च, 2015: योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाल दिया गया.
मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत गेम चेंजर
- 20 जुलाई 2015:आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में पहले क्लीनिक की शुरुआत. (मोहल्ला क्लीनिक का उद्देश्य मुफ्त स्वास्थ्य जांच, परामर्श और दवाइयां प्रदान करके सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को अधिक किफायती और सुलभ बनाना है.) तेलंगाना और राजस्थान जैसे कई राज्यों ने मोहल्ला क्लीनिक के मॉडल को अपनाया है. मोहल्ला क्लीनिक परियोजना की पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान और विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व महानिदेशक ग्रो हार्लेम ब्रंडलैंड ने प्रशंसा की है, और विभिन्न विश्व नेताओं ने इसे बेहतर स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा है. श्री ब्रंटलैंड ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र के एक अन्य पूर्व महासचिव बान की मून के साथ एक क्लीनिक का दौरा भी किया था और दोनों ही "बहुत प्रभावित हुए थे."
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली से बाहर भी अपना विस्तार किया
जनवरी 2016: आप ने घोषणा की कि वह दिल्ली से बाहर भी अपना विस्तार करेगी और पंजाब और गोवा में चुनाव लड़ेगी. 2016: दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ऑड-ईवन योजना की शुरुआत-जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2016 में पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में ऑड-ईवन योजना का इस्तेमाल किया था. 2016 में शुरू की गई ऑड-ईवन योजना एक कार-राशनिंग पद्धति है, जिसमें ऑड और ईवन नंबर प्लेट वाली कारें वैकल्पिक दिनों में चलेंगी.
2017 पंजाब विधानसभा चुनाव
- गोवा चुनावों में 6% वोट शेयर के साथ राष्ट्रीय पार्टी के करीब पहुंची, लेकिन विफल रही.
- 13 अप्रैल, 2017: दिल्ली के राजौरी गार्डन उपचुनाव में आप को भाजपा-अकाली उम्मीदवार के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा.
- 26 अप्रैल, 2017: नगर निगम चुनाव में आप भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर रही.
- 28 अगस्त, 2017: लगातार हार के बाद आप ने आखिरकार बवाना सीट पर कब्ज़ा कर लिया.
2018: आप तीन सदस्यों के साथ राज्यसभा में पहुंची
- 19 जून 2018: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के विरोध में उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में अपना नौ दिवसीय धरना वापस ले लिया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सचिवालय में नौकरशाहों द्वारा बैठकों में भाग लेना शुरू करने के बाद धरना वापस ले लिया गया.
- 2019: लोकसभा चुनाव में आप के लिए एक बड़ी आपदा, केवल एक सीट जीत पाई.