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जम्मू-कश्मीर: LG ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का निर्देश दिया - LG JAMMU KASHMIR

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सख्त हैं. इसे लेकर उन्होंने सुरक्षा बलों को कड़े निर्देश दिए हैं.

LG Sinha
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (ETV Bharat Urdu Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 9:00 AM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया करने में 'शून्य सहनशीलता की नीति' का पालन करने के लिए कहा गया है और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए 'खुली छूट' दी गई है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समीक्षा की अध्यक्षता की और आतंकवाद और आतंकवादियों को सहायता देने वालों को कुचलने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया.

यह बैठक गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर में शून्य आतंकवाद नीति के लिए निर्देश देने वाली कई बैठकों के बाद हुई. सिन्हा ने अधिकारियों से कहा, 'आतंकवाद से निपटने के लिए आपको शून्य सहिष्णुता की नीति का पालन करना चाहिए. मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को सक्रिय आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए खुली छूट दी है. आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

उन्होंने अधिकारियों को कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए रणनीति तैयार करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों के सभी आयामों में क्षमता और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ 360 डिग्री दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है.

बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात के अलावा सुरक्षा बलों के प्रमुखों सहित पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया. डीजीपी ने बैठक में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और उग्रवाद से निपटने, कानून और व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, आतंकवादी भर्ती आदि के रोडमैप के बारे में जानकारी दी. सिन्हा ने पुलिस अधिकारियों से आतंकवाद और नार्को-आतंकवाद के मामलों में संपत्ति कुर्की की नीति का सख्ती से पालन करने को भी कहा.

उन्होंने आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यवस्थित ध्यान केंद्रित किया जो विरोधी ताकतों और आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रहा है. सिन्हा ने कहा, 'आतंकवाद से निपटने के लिए आपको शून्य सहनशीलता की नीति का पालन करना चाहिए. मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को सक्रिय आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए खुली छूट दी है. आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

उपराज्यपाल ने दुष्प्रचार और दुष्प्रचार की चुनौतियों पर भी चर्चा की और अधिकारियों को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, 'अपनी विध्वंसकारी गतिविधियों और गलत सूचना अभियान को अंजाम देने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

हमें कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारों का आक्रामक तरीके से मुकाबला करना चाहिए और कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए.' उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कोर पुलिसिंग और जनता के बीच विश्वास निर्माण, सार्वजनिक शिकायतों के निवारण और स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.

ये भी पढ़ें- कश्मीर घाटी की स्थिति पर टॉप सुरक्षा अधिकारियों की अहम बैठक, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर चर्चा

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया करने में 'शून्य सहनशीलता की नीति' का पालन करने के लिए कहा गया है और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए 'खुली छूट' दी गई है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समीक्षा की अध्यक्षता की और आतंकवाद और आतंकवादियों को सहायता देने वालों को कुचलने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया.

यह बैठक गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर में शून्य आतंकवाद नीति के लिए निर्देश देने वाली कई बैठकों के बाद हुई. सिन्हा ने अधिकारियों से कहा, 'आतंकवाद से निपटने के लिए आपको शून्य सहिष्णुता की नीति का पालन करना चाहिए. मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को सक्रिय आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए खुली छूट दी है. आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

उन्होंने अधिकारियों को कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए रणनीति तैयार करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों के सभी आयामों में क्षमता और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ 360 डिग्री दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है.

बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात के अलावा सुरक्षा बलों के प्रमुखों सहित पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया. डीजीपी ने बैठक में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और उग्रवाद से निपटने, कानून और व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, आतंकवादी भर्ती आदि के रोडमैप के बारे में जानकारी दी. सिन्हा ने पुलिस अधिकारियों से आतंकवाद और नार्को-आतंकवाद के मामलों में संपत्ति कुर्की की नीति का सख्ती से पालन करने को भी कहा.

उन्होंने आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यवस्थित ध्यान केंद्रित किया जो विरोधी ताकतों और आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रहा है. सिन्हा ने कहा, 'आतंकवाद से निपटने के लिए आपको शून्य सहनशीलता की नीति का पालन करना चाहिए. मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों को सक्रिय आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को बेअसर करने के लिए खुली छूट दी है. आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

उपराज्यपाल ने दुष्प्रचार और दुष्प्रचार की चुनौतियों पर भी चर्चा की और अधिकारियों को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा, 'अपनी विध्वंसकारी गतिविधियों और गलत सूचना अभियान को अंजाम देने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

हमें कट्टरपंथी और चरमपंथी विचारों का आक्रामक तरीके से मुकाबला करना चाहिए और कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए.' उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कोर पुलिसिंग और जनता के बीच विश्वास निर्माण, सार्वजनिक शिकायतों के निवारण और स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.

ये भी पढ़ें- कश्मीर घाटी की स्थिति पर टॉप सुरक्षा अधिकारियों की अहम बैठक, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर चर्चा
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