नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार बदलते समीकरणों के बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद की राजनीति को लेकर सक्रिय हो रहे हैं.
मुलाकात के क्या हैं मायने: माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान आदित्य ठाकरे और अरविंद केजरीवाल के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. इसमें देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, विपक्षी एकता और दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन पर बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) और आम आदमी पार्टी दोनों ही केंद्र सरकार की नीतियों के मुखर विरोधी रहे हैं.
आदित्य ठाकरे इस बैठक के जरिए आम आदमी पार्टी के कार्यशैली और दिल्ली मॉडल का भी अध्ययन करना चाहेंगे. आदित्य पहले भी दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की सराहना कर चुके हैं, और संभव है कि वह महाराष्ट्र में भी इसी तरह के सुधारों को लागू करने के लिए चर्चा करें. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था. जबकि कांग्रेस के दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने पर विरोध व्यक्त किया था.
दोनों पार्टियों की एकता को मिलेगी मजबूती: इस मुलाकात से दोनों पार्टियों के बीच मजबूती बढ़ेगी. दोनों पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मिलकर आगामी चुनाव में प्रचार प्रसार कर सकती हैं. आदित्य ठाकरे की इस मुलाकात का एक और बड़ा कारण महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक स्थिति भी हो सकता है. शरद पवार और एकनाथ शिंदे की मुलाकात के बाद शिवसेना (यूबीटी) में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में आदित्य ठाकरे का केजरीवाल से मिलना उनके नए राजनीतिक कदम का संकेत हो सकता है.
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