हैदराबाद:लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में भाजपा-एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा है. एनडीए को 295 और इंडिया गठबंधन 230 के आसपास सीटों मिलती दिख रही हैं. हालांकि, अभी भी अंतिम चुनाव नतीजे आने बाकी हैं. इस बीच लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन पर चर्चा भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार के कुछ प्रमुख कारण-
समान विचारधारा के दलों को एक मंच पर लाना
लोकसभा चुनाव से कुछ महीने कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के गठंबधन 'इंडिया' का गठन किया गया था. वैसे तो नीतीश कुमार को इसका सूत्रधार बताया गया था, तब जेडीयू अध्यक्ष विपक्ष के साथ थे. लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए थे. नीतीश के अलग होने से 'इंडिया' का कारवां रुका नहीं. कांग्रेस ने बड़ा दिल दिखाते हुए विपक्षी दलों को एक साथ लाने की पूरी कोशिश की और काफी हद तक भाजपा के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खड़ा करने में कामयाब हुई.
आरक्षण और संविधान का मुद्दा
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने अपने प्रचार अभियान के दौरान आरक्षण और संविधान को बड़ा मुद्दा बनाया. राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने अपनी जनसभाओं में जोरशोर से यह मुद्दा उठाया और लोगों को यह समझाने की कोशिश की कि अगर भाजपा आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने के लिए 400 सीटें जीतना चाहती है. ऐसा लगता है कि भाजपा 'अबकी बार 400 पार' के नारे के खिलाफ कांग्रेस की यह रणनीति कारगर साबित हुई.
काम आया क्षेत्रीय दलों का वोट बैंक
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल, झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. बिहार को छोड़ दे, तो ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस को इसका फायदा भी मिला. इसकी बड़ी वजह क्षेत्रीय दलों का वोट बैंक या जनाधार बताया जा रहा है. कांग्रेस और क्षेत्रीय दल अपने वोटों को एक साथ जोड़ने में कामयाब हुए.