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यूपी में हार के बाद मोदी मंत्रीमंडल से बाहर होंगे कई नाम, नए चेहरों को मिलेगा मौका, जानिए किन दिग्गजों की है चर्चा - Modi cabinet reshuffle

यूपी के चुनाव नतीजों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. इसके बाद केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों की संख्या सीमित रहने के ही आसार हैं.

केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों की संख्या सीमित रहने के ही आसार हैं.
केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों की संख्या सीमित रहने के ही आसार हैं. (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 4:50 PM IST

लखनऊ :यूपी के चुनाव नतीजों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. इसके बाद केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों की संख्या सीमित रहने के ही आसार हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा किसी भी सांसद की मंत्री के तौर पर सीट कंफर्म नहीं दिखती. कई नए सांसदों को भी मौका मिल सकता है.

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन कमतर रहा है. 80 में 80 सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा अपने दम पर 35 सीटें ही जीत सकी है. जबकि सपा को 37 सीटें मिली हैं. मोदी सरकार के कई मंत्री चुनाव हार गए. इसमें महेंद्रनाथ पांडेय और स्मृति ईरानी का नाम भी शामिल है. हालांकि एनडीए को स्पष्ट बहुमत के बाद फिर से सरकार बनने जा रही है, लेकिन परिणामों और केंद्रीय मंत्रियों के प्रदर्शन को देखते हुए इस बार मंत्रीमंडल सीमित हो सकता है.

जातिगत समीकरण का रखा जाएगा ध्यान

इस कुछ राज्यसभा सांसदों को भी मंत्री बनाया जा सकता है. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मंत्री बनाते समय जातिगत समीकरणों और क्षेत्र का ध्यान रखेगी. अपना दल की अनुप्रिया पटेल का नाम तय माना जा रहा है. राष्ट्रीय लोक दल से भी एक सांसद को मंत्री बनाया जा सकता है. आसार हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दोबारा पदों पर बैठने का मौका मिलेगा. इनके अलावा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर इस बार राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेई और पीलीभीत के सांसद जितिन प्रसाद भी मंत्री हो सकते हैं. गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग वैश्य कोटे को भर सकते हैं.

2019 में यूपी से बने थे 12 मंत्री

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश से 12 मंत्री बनाए गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, अजय मिश्रा टेनी , पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, एसपी सिंह बघेल, कौशल किशोर, जनरल वीके सिंह, डॉ. संजीव बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति, महेंद्र पांडेय केंद्र में मंत्री थे. जिनमें से अधिकांश को हर का सामना करना पड़ा.

इन्हें मिल सकता है मौका

मंत्रियों के नाम को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे कहते हैं, निश्चित तौर पर इस बार स्मृति ईरानी को मंत्री बनाए जाने की संभावना बहुत कम है. सहयोगी दलों में से कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं. नए नाम जोड़े जाएंगे, जिससे पार्टी को ताजगी का एहसास हो और क्षेत्र में बेहतर संदेश जाए. गाजियाबाद से अतुल गर्ग, गौतमबुद्धनगर से डॉ. महेश शर्मा, आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, पीलीभीत से जितिन प्रसाद, झांसी से अनुराग शर्मा, महराजगंज से पंकज चौधरी, फूलपुर से प्रवीण पटेल, अलीगढ़ से सतीश गौतम, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी, अपना दल सोनेलाल से अनुप्रिया पटेल के साथ ही यूपी राज्यसभा कोटे से हरदीप सिंह पुरी, डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई, डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, डॉ. दिनेश शर्मा मंत्रीमंडल के नए चेहरे हो सकते हैं.

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