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मेरठ कॉलेज में फर्जी मार्कशीट के सहारे 7 मुन्ना भाइयों ने LLB में लिया एडमिशन, खुलासा होने के बाद अब होगी सख्त कार्रवाई - ADMISSION THROUGH FAKE MARKSHEET

फर्जी दस्तावेजों से वकील बनने की ख्वाहिश को लगा ग्रहण, पकड़ में आये 7 मुन्नाभाई फर्जी डिग्री के सहारे पाए थे मेरिट हाई करके एडमिशन

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7 मुन्ना भाइयों पर एक्शन की तैयारी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 10:38 PM IST

मेरठ: पश्चिमी यूपी के प्रतिष्ठित मेरठ कॉलेज में एलएलबी में एडमिशन के लिए लगाई गई सात छात्रों की मार्कशीट फर्जी पाई गई. इसे सातों स्टूडेंट्स पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है. इन मुन्ना भाइयों ने सबसे नामी लॉ कॉलेज से नाममात्र की फीस में एलएलबी की पढ़ाई के लिए अलग अलग यूनिवर्सिटी की फर्जी अंकतालिका लगाकर प्रवेश पाए थे.

बता दें कि मेरठ के CCSU के सभी कॉलेजों में इस समय परीक्षाएं चल रही है, लेकिन यहां के प्रसिद्ध मेरठ कॉलेज में अब जो मामला सामने आया है वह बेहद ही चौंकाने वाला है. यहां 7 छात्रों ने मेरिट में अपनी जगह बनाने और प्रवेश पाने के लिए फर्जी डिग्री और मार्कशीट लगाई. अब परीक्षा भी दे रहे. लेकिन कॉलेज समिति ने शक पर जब जांच शुरू किया तो ऐसे सात छात्र पकड़ में आ गये. कॉलेज समिति की जांच टीम ने सात छात्रों के ऐसे मार्कशीट और सर्टिफिकेट को जांच के लिए जब संबंधित विश्वविद्यालय के पास भेजा तो ये खुलासा हुआ.

मेरठ कॉलेज में फर्जीवाड़े का खुलासा (Video Credit; ETV Bharat)
मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर मनोज रावत ने ईटीवी भारत को बताया कि जो छात्र पकड़ में आए हैं, वो अभी परीक्षा भी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि ये सभी 7 स्टूडेंट एलएलबी प्रथम वर्ष के हैं. इन छात्रों में से कुछ ने स्नातक के फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे, जबकि कुछ ने स्नातकोत्तर की मार्कशीट भी एडमिशन के वक्त जमा की थी. प्रिंसिपल ने बताया कि ऐसे स्टूडेंट को नोटिस देकर शपथ पत्र भी मांगा गया तो उन्होंने शपथ पत्र भी दे दिया. लेकिन जब जांच रिपोर्ट अलग अलग स्थानों से प्राप्त हुईं तो उसमें उनके दस्तावेज फर्जी पाए गये.

मनोज रावत के मुताबिक जो फर्जी मार्कशीट पकड़ में आई हैं उनमें गुजरात राज्य के कॉलेज, उत्तराखंड राज्य के कॉलेज सहित निजी विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट पाई गई है, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं होने पर अब नोटिस दे दिया गया है. प्रिंसिपल मनोज रावत ने बताया कि लगभग 123 साल पुराने मेरठ कॉलेज में वकालत की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स दूर दूर से प्रवेश के लिए आते हैं. तीन साल की फीस भी महज 3000 से 4000 हजार रूपये के बीच ही है. उन्होंने कहा कि इन सभी छात्रों के खिलाफ अब एक्शन लिया जाएगा. वहीं सतर्कता टीम को अब फिर से सभी दस्तावेजों की पड़ताल के निर्देश दिए हैं.

प्रिंसिपल ने बताया कि ये बेहद गंभीर मामला है कॉलेज आरोपी छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा और सख्त एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि मेरठ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई करने वाले सैकड़ों ऐसे होनहार और प्रसिद्ध नाम हैं जो कि देश के सभी बड़े अदालतों में बड़े बड़े ओहदों पर हैं.

यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति मामले में कई अफसरों पर लटकी तलवार, गायब हो गई थीं फाइलें

मेरठ: पश्चिमी यूपी के प्रतिष्ठित मेरठ कॉलेज में एलएलबी में एडमिशन के लिए लगाई गई सात छात्रों की मार्कशीट फर्जी पाई गई. इसे सातों स्टूडेंट्स पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है. इन मुन्ना भाइयों ने सबसे नामी लॉ कॉलेज से नाममात्र की फीस में एलएलबी की पढ़ाई के लिए अलग अलग यूनिवर्सिटी की फर्जी अंकतालिका लगाकर प्रवेश पाए थे.

बता दें कि मेरठ के CCSU के सभी कॉलेजों में इस समय परीक्षाएं चल रही है, लेकिन यहां के प्रसिद्ध मेरठ कॉलेज में अब जो मामला सामने आया है वह बेहद ही चौंकाने वाला है. यहां 7 छात्रों ने मेरिट में अपनी जगह बनाने और प्रवेश पाने के लिए फर्जी डिग्री और मार्कशीट लगाई. अब परीक्षा भी दे रहे. लेकिन कॉलेज समिति ने शक पर जब जांच शुरू किया तो ऐसे सात छात्र पकड़ में आ गये. कॉलेज समिति की जांच टीम ने सात छात्रों के ऐसे मार्कशीट और सर्टिफिकेट को जांच के लिए जब संबंधित विश्वविद्यालय के पास भेजा तो ये खुलासा हुआ.

मेरठ कॉलेज में फर्जीवाड़े का खुलासा (Video Credit; ETV Bharat)
मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर मनोज रावत ने ईटीवी भारत को बताया कि जो छात्र पकड़ में आए हैं, वो अभी परीक्षा भी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि ये सभी 7 स्टूडेंट एलएलबी प्रथम वर्ष के हैं. इन छात्रों में से कुछ ने स्नातक के फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे, जबकि कुछ ने स्नातकोत्तर की मार्कशीट भी एडमिशन के वक्त जमा की थी. प्रिंसिपल ने बताया कि ऐसे स्टूडेंट को नोटिस देकर शपथ पत्र भी मांगा गया तो उन्होंने शपथ पत्र भी दे दिया. लेकिन जब जांच रिपोर्ट अलग अलग स्थानों से प्राप्त हुईं तो उसमें उनके दस्तावेज फर्जी पाए गये.

मनोज रावत के मुताबिक जो फर्जी मार्कशीट पकड़ में आई हैं उनमें गुजरात राज्य के कॉलेज, उत्तराखंड राज्य के कॉलेज सहित निजी विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट पाई गई है, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं होने पर अब नोटिस दे दिया गया है. प्रिंसिपल मनोज रावत ने बताया कि लगभग 123 साल पुराने मेरठ कॉलेज में वकालत की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स दूर दूर से प्रवेश के लिए आते हैं. तीन साल की फीस भी महज 3000 से 4000 हजार रूपये के बीच ही है. उन्होंने कहा कि इन सभी छात्रों के खिलाफ अब एक्शन लिया जाएगा. वहीं सतर्कता टीम को अब फिर से सभी दस्तावेजों की पड़ताल के निर्देश दिए हैं.

प्रिंसिपल ने बताया कि ये बेहद गंभीर मामला है कॉलेज आरोपी छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा और सख्त एक्शन लिया जाएगा. बता दें कि मेरठ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई करने वाले सैकड़ों ऐसे होनहार और प्रसिद्ध नाम हैं जो कि देश के सभी बड़े अदालतों में बड़े बड़े ओहदों पर हैं.

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