अमेठी :यूपी की हाई प्रोफाइल सीट अमेठी में कांग्रेस ने भले ही गैर गांधी उम्मीदवार को चुनाव मैदान उतारा है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार की प्रतिष्ठा एक बार फिर यहां दांव पर है. किशोरी लाल शर्मा की जीत पक्की करने के लिए 6 मई (आज) से प्रियंका गांधी मोर्चा संभाल लेंगी. इसकी घोषणा प्रियंका ने अमेठी में किशोरी लाल शर्मा के नामांकन के दौरान रोड शो में कर दी थी. प्रियंका के कार्यक्रम को लेकर रात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में लंबा मंथन चलता रहा.
गांधी परिवार की पारंपरिक सीट अमेठी से इस बार गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है. यहां से कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. वे गांधी परिवार के बेहद खास और विश्वसनीय हैं. इस लिहाज से अमेठी में चुनाव न लड़ने के बावजूद गांधी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है. रायबरेली के साथ-साथ अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर है.
फिलहाल प्रियंका गांधी किशोरी लाल शर्मा के नामांकन में आकर स्वयं इस बात की घोषणा कर दी थी कि वे 6 मई से जब तक चुनाव नहीं संपन्न होगा अमेठी व रायबरेली में मौजूद रहेंगी. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी का अमेठी रहना उनके कार्यकर्ताओं के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगा. इसका सीधा फायदा केएल शर्मा को मिलेगा.
अमेठी के कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा को गांधी परिवार से ही जोड़ कर देख रहे हैं. क्षेत्र के प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता रवि शुक्ल कहते हैं कि राहुल या प्रियंका भले ही अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा 45 वर्षों से अमेठी व रायबरेली में एक सेवक के रूप में काम कर रहे हैं. ऐसे में हम लोगों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि हम सब कांग्रेस प्रत्याशी को भारी अंतराल जिताकर भेजे.
रवि शुक्ल आगे कहते हैं कि गांधी परिवार के लिए रायबरेली और अमेठी से केवल राजनीतिक रिश्ता नहीं है, अमेठी का हर उनका घर है. राहुल और प्रियंका गांधी का रिश्ता अमेठी से कभी खत्म नहीं हो सकता है. कांग्रेस के नेताओं की माने तो अमेठी में कांग्रेस की चुनावी कमान प्रियंका संभालेंगी, वह 6 मई को यहां पहुंच रहीं हैं. इसके लिए रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस में दोनों संसदीय सीटों के लिए अलग-अलग वॉर रूम बनाया गया है.