कानपुर: उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड विधान मंडल की महिला सदस्यों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आपका काम ही विधायिका में आपकी यात्रा को शानदार व स्मरणीय बनाएगा. आपका कार्यकाल इस मायने में महत्व नहीं रखता कि कितना लंबा है. बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि कितने प्रभावी तरीके से आपने छाप छोड़ी है. यूपी की दृष्टि से आप छह से सात लाख और उत्तराखंड में साढ़े तीन से चार लाख लोगों की आबादी का नेतृत्व कर रही हैं.
कानपुर के बिठूर रोड स्थित एक निजी होटल में हुए उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड विधान मंडल की महिला सदस्यों के सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि यह सौभाग्य लाखों में किसी एक को प्राप्त हो रहा है. इसलिए विधायिका के मंच से हमें भी अपने कार्यों से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना है, जो औरों के लिए प्रेरणादायी बन सके. विधायिका में आपकी उपस्थिति तभी प्रभावी हो पाएगी, जब आप आमजन व धरातल से जुड़े मुद्दों को रख पाएंगे. विधायिका के मंच पर कही गई आपकी बात आने वाले समय के लिए धरोहर बनती है.
उन्होंने दोनों अध्यक्षों के प्रति आभार जताते हुए कहा, यह पल मेरे लिए आह्लादित करने वाला है. मेरा दोनों प्रदेशों से जुड़ाव है, क्योंकि उत्तर प्रदेश मेरी कर्मभूमि और उत्तराखंड जन्मभूमि है. ऋतु खंडूरी की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राष्ट्र के लिए समर्पण की है. उनके परिवार से अनुभव व विरासत की अद्भुत परंपराएं जुड़ी हैं. कार्यक्रम में उप्र विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूरी, कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्या, गुलाब देवी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, प्रतिभा शुक्ला आदि मौजूद रहीं.
इनोवेशन व नए प्रयोगों के लिए जानी जा रही उत्तर प्रदेश विधानसभा: सीएम योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी विधानसभा है. यह पिछले ढाई-तीन वर्ष के अंदर इनोवेशन और नए-नए प्रयोगों के लिए जानी जा रही है. उप्र विधानसभा ने ई-विधान को सफलतापूर्वक लागू कर इसे पेपरलेस किया है. पॉर्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में इन बातों को हम केवल बोल ही नहीं सकते, बल्कि उसका अनुभव भी कर सकते हैं.
उप्र विधानसभा ने अनेक फील्ड से जुड़े विशेषज्ञों को मंच दिया. सामान्यतः विधानसभा में लोग दलीय प्रतिबद्धता से जुड़े होते हैं. इसलिए कॉमन सहमति नहीं बन पाती है, लेकिन अधिवक्ताओं, अभियांत्रिकी, चिकित्सकों, विज्ञान बैकग्राउंड या अलग-अलग पक्षों के प्रतिनिधि के साथ ग्रुप में बैठते हैं तो दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर समाज व देश के बारे में सोचते हैं.
यूपी में 14 से 15 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व: सीएम योगी ने कहा, प्रगतिशील देशों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व विधायिका में 10 प्रतिशत भी नहीं है. उत्तराखंड में 10 प्रतिशत से थोड़ा ऊपर है. उप्र विधानसभा में यह प्रतिशत 14 से 15 प्रतिशत है. अब नारीशक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया है. उत्तराखंड में भी इसमें वृद्धि होगी. सीएम ने कहा, केवल सरकार के बहाने कोई स्कीम बहुत सफल हो जाए, यह कठिन है.
इसके लिए समाज को भी सहभागी बनना पड़ेगा. 10 वर्ष के अंदर पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए कार्य अद्भुत हैं. हर घर में नारी गरिमा के प्रतीक शौचालय बने. चार करोड़ परिवारों को आवास मिला, उसमें भागीदारी महिलाओं को मिली. 10 करोड़ से अधिक रसोई गैस के कनेक्शन से महिलाओं को काफी राहत मिली. देश के अंदर नारी शक्ति वंदन अधिनियम भी पारित हो चुका है. 2029 के बाद हर चुनाव (विधानसभा व संसद) में एक तिहाई से अधिक प्रतिनिधित्व महिलाओं का होने जा रहा है. यानी 14-15 प्रतिशत से बढ़कर यह 33 से 50 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.
देश की संविधान सभा में 15 में से चार सदस्य उत्तर प्रदेश की थीं: मुख्यमंत्री ने कहा, उप्र पहले से ही काफी महत्वपूर्ण रहा है. देश की संविधान सभा में 15 में से चार सदस्य उत्तर प्रदेश (तब यूपी व उत्तराखंड एक) के थे. इसमें चार सदस्य कमला चौधरी, सुचेता कृपलानी, बेगम एजाज रसूल, पूर्णिमा बनर्जी थीं. इन लोगों ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया में भागीदार बनकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया था. महिला जैसे घर को व्यवस्थित रूप से संचालित करती हैं, वैसे ही ग्राम पंचायत, स्थानीय निकाय, विधानसभा, लोकसभा में जाकर भी विकास के जरिए उदाहरण प्रस्तुत करें.
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