लखनऊ: परिवहन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं के विकल्प अब हिंदी में मिलना शुरू हो गया है. अभी तक अंग्रेजी में ही विकल्प आ रहा था. ईटीवी भारत ने मंगलवार को खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद परिवहन आयुक्त ने एनआईसी को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए. इसका नतीजा यह हुआ कि अब परिवहन विभाग के सारथी पोर्टल पर इंग्लिश के साथ ही हिंदी का भी विकल्प शुरू कर दिया गया है. इससे लर्निंग डीएल समेत विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं को लाभ ले पाने में लोगों को सहूलियत मिलेगी. सिर्फ हिंदी ही नहीं कन्नड़ और तमिल का भी विकल्प आवेदकों को मिलने लगा है.
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की वेबसाइट अंग्रेजी में होने के कारण आवेदकों को दिक्कतें हो रही थीं. अंग्रेजी की कम जानकारी होने या नहीं होने से आवेदकों को साइबर कैफे जाना पड़ रहा था. यहां पर दलालों का सिंडिकेट उनसे वसूली कर रहा था, इसकी कई शिकायतें सामने आईं. उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने सबसे पहले वेबसाइट को हिंदी में किए जाने की कवायद शुरू की. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (मोर्थ) और एनआईसी से पत्राचार कर अंग्रेजी के साथ ही हिंदी का भी विकल्प दिया गया. इसके अलावा कन्नड़ और तमिल का भी विकल्प दिया जा रहा है.
अंग्रेजी में ही भरनी होगी डिटेल: नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया कि विकल्प हिंदी में दिखेंगे, लेकिन उसका ब्योरा अंग्रेजी में ही भरना होगा. आवेदकों को सबसे ज्यादा दिक्कत लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट देने में होता था. टेस्ट में अधिकांश सवालों के जवाब हां व ना में देने होते हैं. सवाल पूरी तरह अंग्रेजी में होने के कारण आवेदक इसको जान नहीं पाते थे, जिससे कई बार गलत जवाब दे देते थे. अब हिंदी में होने से उन्हें जवाब देने की समझ होगी.
चार दर्जन से ज्यादा सेवाएं ऑनलाइन: परिवहन विभाग में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा पता बदलने, लर्नर लाइसेंस में फोटो व साइन बदलना, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस जारी करना, डीएल का नवीनीकरण (जिसमें वाहन चलाने की दक्षता जांचने की जरूरत नहीं है), डीएल में बायोमेट्रिक्स बदलना, डीएल में फोटो व साइन बदलना, डीएल से वाहन का श्रेणी समर्पण, डुप्लीकेट सार्वजनिक सेवा वाहन (पीएसवी) बैज जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट कंडक्टर लाइसेंस जारी करना, कंडक्टर लाइसेंस निकलवाने का प्रावधान करना, कंडक्टर लाइसेंस में पता बदलना, कंडक्टर लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स बदलना, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट शुल्क जमा करना, रजिस्ट्रेशन में प्रमाणपत्र में पता बदलना जैसी सेवाएं ऑनलाइन हैं.
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह का कहना है कि हिंदी का विकल्प होने से यूपी के आवेदकों को सुविधा मिलेगी. आवेदन के समय हिंदी का विकल्प उनको समझ आएगा. यूपी में ज्यादातर हिंदी को जानने, समझने वाले लोग हैं, इसलिए अब हिंदी का भी विकल्प होगा. इससे आवेदन आसान हो जाएगा.