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महाकुंभ 2025 में अब पार्किंग से शटल बसों के साथ मिलेंगे ई-रिक्शा, संगम तक पहुंचना होगा आसान - MAHAKUMBH 2025

पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

महाकुंभ में मिलेगा ई रिक्शा और बस की सुविधाएं
महाकुंभ में मिलेगा ई रिक्शा और बस की सुविधाएं (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 12:42 PM IST

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में अब तक 48 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. संगम तक आने के लिए श्रद्धालुओं को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा था. लिहाजा अब सरकार ने पार्किग स्थल से ही ई रिक्शा, ऑटो और शटल बसों की सुविधा दी है. इन साधनों से आप आराम से संगम के करीब तक आ सकते हैं. अब श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. 14 फरवरी से यह नियम लागू कर दिया जाएगा.

जिलाधिकारी रविंद्र मादंड ने बताया कि बुधवार को पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. पार्किंग स्थलों से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाने के लिए अब शटल बसों के साथ-साथ ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा भी उपलब्ध कराए जाएंगे. ये साधन उन्हें संगम के बिल्कुल करीब तक लेकर जाएंगे. ये वाहन जीटी जवाहर तक श्रद्धालुओं को सुगमता से पहुंचाएंगे. इस निर्णय से उन श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी, जो संगम तक जाने के लिए अधिक सुविधाजनक विकल्प चाहते हैं. इससे लोगों को ज्यादा पैदल भी नहीं चलना होगा.

नया ट्रैफिक प्लान: गुरुवार से शहर में सभी कार्यालय और प्रतिष्ठान खुल जाएंगे. इसको देखते हुए वीकेंड के लिए अलग ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. डीएम ने बताया कि वीकेंड पर अधिक भीड़ होने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक टाइमिंग्स जारी की जाएंगी. प्रयास होगा कि इससे शहर में जाम की स्थिति न बने और लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो.

बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए ट्रैफिक रहेगा सुगम: 14 फरवरी से सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. परीक्षार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक को व्यवस्थित बनाए रखने की योजना बनाई है. डीएम ने कहा कि छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था को विशेष रूप से मॉनिटर किया जाएगा.


डीएम ने बोर्ड परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की, छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र के लिए समय से पहले निकलें. यदि संभव हो तो अपने निजी दोपहिया वाहनों का उपयोग करें, ताकि वे ट्रैफिक में फंसने से बच सकें.

माघी पूर्णिमा पर सभी 42 घाटों पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान: मौनी अमावस्या की चूक से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार ट्रैफिक का सही डायवर्सन किया है. सभी 42 घाटों का बेहतर इस्तेमाल किया गया और सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या देखी गई. कोई भी घाट खाली नहीं रहा. यही कारण रहा की संगम नोज पर श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव नहीं हुआ और आराम से गंगा के संगम नोज स्थित घाटों पर लोग स्नान करते रहे. नैनी, झूंसी साइड भी संगम के घाट भरे रहे.

ADG भानु भास्कर ने कहा कि मौनी अमावस्या के दुखद घटना से सीख लेकर महाकुंभ में बिल्ड बैक बेटर की तकनीक का इस्तेमाल किया गया. यानि पहले से और बेहतर व्यवस्थाएं की गई. इसमें कम्युनिटी फीडबैक को भी शामिल किया गया और भीड़ प्रबंधन की तकनीक उसके अनुसार बनाई गई. माघी पूर्णिमा पर रात 8 बजे तक 2 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं, लेकिन कहीं भी भीड़ का अत्यधिक दबाव नहीं बन पाया.

महाकुंभ में 38 प्रशासनिक अफसर की तैनाती की गई. मौनी अमावस्या पर हादसे के बाद UP पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल और राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के साथ विशेष सचिव व एडीएम स्टार के 10 अफसर की तनाती की गई है. अब जाम ना लगने पाए इसको देखते हुए 28 और प्रशासनिक अफसर की महाकुंभ में तनाती की गई.

आशीष गोयल खुद कंट्रोल रूम में बैठे रहे. संगम में भी बैरिकेड करके आने और जाने का रास्ता बिल्कुल सेपरेट कर दिया गया था .उससे भी भीड़ का दबाव नहीं बना. इसके साथ ही साथ घाटों पर पुलिस बल लगातार सीटी बजाकर श्रद्धालुओं को स्नान के बाद हटा रहा था. इससे भी संगम पर भीड़ का दबाव नहीं बना और लोग आराम से स्नान कर पाए.

यह भी पढ़ें: महाकुंभ 30वां दिन; मुकेश अंबानी परिवार के साथ मेला क्षेत्र पहुंचे, अब तक 45 करोड़ लगा चुके डुबकी

यह भी पढ़ें: महाकुंभ में 4 दिनों में बनेंगे चार विश्व रिकॉर्ड; 15 हजार कर्मचारी 10 किमी तक चलाएंगे सफाई अभियान



प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में अब तक 48 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. संगम तक आने के लिए श्रद्धालुओं को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा था. लिहाजा अब सरकार ने पार्किग स्थल से ही ई रिक्शा, ऑटो और शटल बसों की सुविधा दी है. इन साधनों से आप आराम से संगम के करीब तक आ सकते हैं. अब श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. 14 फरवरी से यह नियम लागू कर दिया जाएगा.

जिलाधिकारी रविंद्र मादंड ने बताया कि बुधवार को पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. पार्किंग स्थलों से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाने के लिए अब शटल बसों के साथ-साथ ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा भी उपलब्ध कराए जाएंगे. ये साधन उन्हें संगम के बिल्कुल करीब तक लेकर जाएंगे. ये वाहन जीटी जवाहर तक श्रद्धालुओं को सुगमता से पहुंचाएंगे. इस निर्णय से उन श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी, जो संगम तक जाने के लिए अधिक सुविधाजनक विकल्प चाहते हैं. इससे लोगों को ज्यादा पैदल भी नहीं चलना होगा.

नया ट्रैफिक प्लान: गुरुवार से शहर में सभी कार्यालय और प्रतिष्ठान खुल जाएंगे. इसको देखते हुए वीकेंड के लिए अलग ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. डीएम ने बताया कि वीकेंड पर अधिक भीड़ होने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक टाइमिंग्स जारी की जाएंगी. प्रयास होगा कि इससे शहर में जाम की स्थिति न बने और लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो.

बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए ट्रैफिक रहेगा सुगम: 14 फरवरी से सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. परीक्षार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक को व्यवस्थित बनाए रखने की योजना बनाई है. डीएम ने कहा कि छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था को विशेष रूप से मॉनिटर किया जाएगा.


डीएम ने बोर्ड परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की, छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र के लिए समय से पहले निकलें. यदि संभव हो तो अपने निजी दोपहिया वाहनों का उपयोग करें, ताकि वे ट्रैफिक में फंसने से बच सकें.

माघी पूर्णिमा पर सभी 42 घाटों पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान: मौनी अमावस्या की चूक से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार ट्रैफिक का सही डायवर्सन किया है. सभी 42 घाटों का बेहतर इस्तेमाल किया गया और सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या देखी गई. कोई भी घाट खाली नहीं रहा. यही कारण रहा की संगम नोज पर श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव नहीं हुआ और आराम से गंगा के संगम नोज स्थित घाटों पर लोग स्नान करते रहे. नैनी, झूंसी साइड भी संगम के घाट भरे रहे.

ADG भानु भास्कर ने कहा कि मौनी अमावस्या के दुखद घटना से सीख लेकर महाकुंभ में बिल्ड बैक बेटर की तकनीक का इस्तेमाल किया गया. यानि पहले से और बेहतर व्यवस्थाएं की गई. इसमें कम्युनिटी फीडबैक को भी शामिल किया गया और भीड़ प्रबंधन की तकनीक उसके अनुसार बनाई गई. माघी पूर्णिमा पर रात 8 बजे तक 2 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं, लेकिन कहीं भी भीड़ का अत्यधिक दबाव नहीं बन पाया.

महाकुंभ में 38 प्रशासनिक अफसर की तैनाती की गई. मौनी अमावस्या पर हादसे के बाद UP पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल और राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के साथ विशेष सचिव व एडीएम स्टार के 10 अफसर की तनाती की गई है. अब जाम ना लगने पाए इसको देखते हुए 28 और प्रशासनिक अफसर की महाकुंभ में तनाती की गई.

आशीष गोयल खुद कंट्रोल रूम में बैठे रहे. संगम में भी बैरिकेड करके आने और जाने का रास्ता बिल्कुल सेपरेट कर दिया गया था .उससे भी भीड़ का दबाव नहीं बना. इसके साथ ही साथ घाटों पर पुलिस बल लगातार सीटी बजाकर श्रद्धालुओं को स्नान के बाद हटा रहा था. इससे भी संगम पर भीड़ का दबाव नहीं बना और लोग आराम से स्नान कर पाए.

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