नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले पंजाब के मतदाताओं से एक भावनात्मक अपील की. उन्होंने कहा कि यह देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने का आखिरी मौका है. तीन पन्नों के खुले पत्र में दिग्गज कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो कार्यकालों के दौरान पिछले एक दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल पर दुख जताया.
उन्होंने कहा, 'हमारे लोकतंत्र और संविधान को निरंकुश शासन के हमलों से सुरक्षित रखने के लिए अंतिम मौके का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएं.' बता दें कि डॉ सिंह 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के समय वित्त मंत्री थे. वह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी थे.
'कुप्रबंधन के कारण दयनीय स्थिति'
पूर्व पीएम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दो कार्यकालों और मोदी सरकार के 10 साल के प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की तुलना भी की. उन्होंने जीडीपी वृद्धि पर कहा, 'नोटबंदी की आपदा, दोषपूर्ण वस्तु और सेवा कर (GST) और कोविड महामारी के दौरान दर्दनाक कुप्रबंधन के कारण दयनीय स्थिति पैदा हो गई है.'
'नीचे गिरी देश की जीडीपी'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'मोदी सरकार में औसत जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से नीचे गिर गई...कांग्रेस-यूपीए कार्यकाल के दौरान यह लगभग आठ प्रतिशत थी. इसके अलावा अभूतपूर्व बेरोजगारी और बेलगाम मुद्रास्फीति ने असमानता को बहुत बढ़ा दिया है. देश में बेरोजगारी 100 साल के उच्चतम स्तर पर है.'
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार यूपीए सरकार के तहत जीडीपी वृद्धि 2010 में 8.5 प्रतिशत के उच्च स्तर को छू गई थी और 2008 में (वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान) 3.1 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंची थी. उसके बाद के 10 साल में यह 9.1 प्रतिशत (2021 में) के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और महामारी के दौरान -5.8 तक गिर गई.