पटना :चुनाव का समय आया और नेताओं के जुबान फिसलने शुरू हो गए. आरजेडी नेताओं को शुरू से ही लाठी से प्रेम रहा है. यही कारण है कि लालू यादव ने एक बार गांधी मैदान में लाठी रैली किया था. एक बार फिर से राजद के नेताओं के मुंह से लाठी सुनने को मिल रहा है.
सुधाकर सिंह ने लाठी से पीटने की धमकी दी : रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान बक्सर के राजद सांसद सुधाकर सिंह का धमकी भड़ा बयान सुर्खियों में है. चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि 2020 की गलती इस बार नहीं दोहराएंगे. उस समय तीन जगह पर लाठी से पीटे थे. इस बार गुंडागर्दी हुई तो 300 बूथों पर लाठी से पीटेंगे. कहा जा रहा है कि सुधाकर सिंह ने बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं को धमकी दी.
''मैं गर्म मिजाज का हूं. सांसद के सामने विधायक कुछ नहीं होता है, इस बात को भी याद रखें. विधायक बन जाने के बाद ऐसे लोगों को घुटने पे लाना मुझे अच्छी तरह से आता है. बिहार में आरजेडी की नीतीश के साथ सरकार बनी थी, तो उसमें मैं कृषि मंत्री था. वहां भी मैं सीएम के सामने तन गया था.''-सुधाकर सिंह, आरजेडी सांसद
अब्दुल बारी सिद्दीकी का 'लाठी ज्ञान' : गया में चुनाव प्रचार के दौरान राजद के विधान पार्षद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी ने लालू राज में दंगा फसाद का माहौल बनाया था. उस वक्त भी लालू ने कहा था कि यह होने नहीं देंगे, आज भी आरजेडी के लोग खड़े हैं. लालू यादव ने यादव समाज से कहा था कि ''यादव की लाठी अल्पसंख्यक की मदद के लिए उठनी चाहिए.''
'लाठी लावन और तेल पिलावन' :वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि राजद नेताओं के लिए इस तरीके की बात कोई नई नहीं है. राजद के शासनकाल में पटना के गांधी मैदान में लालू यादव ने लाठी रैली की थी. स्लोगन दिया गया था 'लाठी लावन और तेल पिलावन'. यही कारण है कि राजद के शासनकाल को याद दिलाते हुए अन्य दल उस पर निशाना साधते रहे. यही कल्चर तेजस्वी यादव बदलना चाह रहे हैं. जिसकी शुरुआत उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को गमछा हटाने से शुरुआत की है.
कानून तोड़ने वालों के ऊपर होती है कार्रवाई- JDU :आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह के इस बयान के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है. जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि आरजेडी का कल्चर ही ऐसा रहा है. लेकिन वह यह भूल गए हैं कि बिहार में कानून का राज है. नीतीश कुमार के राज में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.