पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा के विवाद को लेकर प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इस अल्टीमेटम के बाद वह पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठ गए हैं. उनके साथ सैकड़ों समर्थक भी जुटे हुए हैं, जो बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने और अभ्यर्थियों की मांगों को मानने की मांग कर रहे हैं.
धरने पर बैठे प्रशांत किशोर : प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार से कहा था कि अगर 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द नहीं किया गया और अभ्यर्थियों की मांगें नहीं मानी गईं तो वह गांधी मैदान में धरने पर बैठेंगे. सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे छात्र-छात्राओं और प्रशांत किशोर के समर्थकों में निराशा की लहर है.
'मांगे नहीं मानी तो तेज होगा आंदोलन' : इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि "हम FIR से नहीं डरते. सरकार को 48 घंटे का समय दे रहे हैं अगर इस दौरान सरकार फैसला करके छात्रों की मांगों को पूरा करे अन्यथा ये आंदोलन तेज करने पर हम लोग मजबूर होंगे"
48 घंटे का दिया था अल्टीमेटम : प्रशांत किशोर ने धरने के दौरान कहा कि यह आंदोलन सिर्फ अभ्यर्थियों के हक के लिए नहीं, बल्कि पूरे बिहार के युवाओं के भविष्य के लिए है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी की परीक्षा में हुई गड़बड़ी और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर आवाज उठानी जरूरी है. उनके साथ गांधी मैदान में आए छात्रों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.
सरकार ने नहीं उठाया कोई ठोस कदम? : प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सरकार ने 48 घंटे के भीतर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस मुद्दे को लेकर पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं. धरने में बढ़ती संख्या और सरकार के दबाव में आने की संभावना से यह आंदोलन आगामी दिनों में और बड़ा बन सकता है.
4 जनवरी को हो रही है एक सेंटर पर परीक्षा : प्रशांत किशोर की यह पहल बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुकी है, और अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर कब और किस तरह से कार्रवाई करती है. 4 जनवरी को निर्धारित समय पर सिर्फ एक सेंटर की दोबारा परीक्षा होगी.
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