वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में सोमनाथ व्यास के तहखाने में 30 साल के बाद फिर से पूजा-पाठ शुरू हो चुका है. बुधवार की देर रात जिला प्रशासन की तरफ से विश्वनाथ मंदिर में बड़े नंदी महाराज के सामने तहखाने के बाहर 20 फीट की बैरीकेडिंग के नीचे के हिस्से को काटकर अंदर जाने के लिए रास्ता बनाया गया. इन सबके बीच यहां पर उन 5 प्रतिमाओं की स्थापना भी की गई है, जो इसी तहखाना में कमीशन की कार्रवाई और आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के सर्वे के दौरान मिली थीं. इन मूर्तियों को सुरक्षित जिलाधिकारी वाराणसी के पास रखा गया था. कोर्ट के फैसले के बाद इन मूर्तियों को यहां पर लाकर पूजा-पाठ शुरू करा दिया. हर कोई यह जानना चाह रहा है कि ये 5 मूर्तियां कौन सी हैं?, जिनकी पूजा की जा रही है?. ईटीवी भारत ने इन सभी सवालों के जवाब तलाशने की पूरी कोशिश की. पढ़िए खास रिपोर्ट...
अंदर एक नहीं बल्कि पांच मूर्तियां को रखा गया है. ये यहीं पर अलग-अलग कार्रवाई के दौरान मिली थी. इनमें भगवान हनुमान, भगवान श्री हरि विष्णु, एक शिवलिंग, एक माता गंगा की सवारी घड़ियाल और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की मूर्ति शामिल हैं. व्यास जी के तहखाने में इन्हीं की पूजा की जा रही है. अलग-अलग समय में आरती और भोग पूजन की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है. 31 जनवरी को वाराणसी के जिला जज की तरफ से यह आदेश दिया गया कि 1992 के बाद सोमनाथ व्यास के तहखाने में बंद पूजा पाठ को फिर से शुरू करा दिया जाए. इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ट्रस्ट की तरफ से यहां पर पुजारी की नियुक्ति की जाए.
तहखाने में विधि-विधान से पूजा कराने वाले एक पुजारी ने बताया कि अंदर 5 तरह के विग्रह स्थापित किए गए हैं. जिनकी पूजा संपन्न कराई जा रही है. इसमें भगवान विष्णु, भगवान गणेश, माता गंगा की सवारी घड़ियाल, एक हनुमान जी की प्रतिमा और एक शिवलिंग शामिल है. हालांकि विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से जिलाधिकारी के पास रखी गई मूर्तियों में से 8 मूर्तियां मंगवाई गईं हैं. तीन अन्य मूर्तियां भी हैं. इन्हें अलग रखा गया है. उनको भी पूजा-पाठ में शामिल किया जा रहा है, लेकिन मुख्य स्थान पर पांच प्रतिमा ही पूजन पाठ में रखी गई है.
अब क्रमवार जानिए पांचों मूर्तियों की खासियत :पुजीर ने विस्तार से पांचों मूर्तियों के बारे में जानकारी दी. यह भी बताया कि तहखाने के गर्भ गृह को वर्तमान में तालगृह नाम दिया गया है.
हनुमान जी की मूर्ति :हनुमान जी की जैसी मूर्ति को यहां पर रखकर पूजन पाठ किया जा रहा है. यह मूर्ति लगभग 1.02 फीट की है. सफेद मार्बल की इस मूर्ति को मॉडर्न यानी आधुनिक काल का माना जा रहा है. इसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट में भी शामिल किया गया है. यह मूर्ति व्यास जी के तहखाना में ही मिली है.