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संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने बांग्लादेश से चटगांव हिंसा के मामले में कार्रवाई को कहा - BANGLADESH JUMMA COMMUNITY

बांग्लादेश के चटगांव के पहाड़ी इलाकों में हालिया समुदायिक हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने अंतरिम सरकार से तत्काल कार्रवाई को कहा.

Killings in Chittagong Hill
बांग्लादेश के सर्वेसर्वा मोहम्मद यूनुस (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 15, 2024, 1:36 PM IST

नई दिल्ली: स्वदेशी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र स्थायी मंच के अध्यक्ष हिंडौ उमरौ इब्राहिम और स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जोस फ्रांसिस्को कैली ने आज बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से जुम्मा समुदाय के खिलाफ हिंसक हमलों को लेकर लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा.

एक संयुक्त बयान में इस साल सितंबर में चटगांव के पहाड़ी इलाकों में हिंसक हमलों के आरोपों की निष्पक्ष जांच को लेकर आयोग का गठन करने और मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में अपराधियों पर मुकदमा चलाने का आह्वान किया.

अपने संयुक्त वक्तव्य में संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा, 'हालिया हिंसा स्वदेशी जुम्मा समुदाय के साथ व्यापक भेदभाव को दर्शाता है. उनके साथ दशकों से बलपूर्वक बेदखल किया जा रहा है और क्षेत्र में सैन्य बल बढ़ा दिया गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया कंपनियों से अपने प्लेटफार्मों को स्वदेशी जुम्मा समुदाय के बारे में अभद्र भाषा और गलत सूचना प्रसारित करने से रोकने के लिए सभी प्रासंगिक कदम उठाने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र स्थायी फोरम के अध्यक्ष और स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक ने अंतरिम सरकार से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप 1997 के सीएचटी शांति समझौते को लागू करने का आह्वान किया. साथ ही स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र घोषणा में निहित प्रावधानों में विशेष रूप से अनुच्छेद 7 में कहा गया है कि स्वदेशी लोगों को स्वतंत्रता, शांति और सुरक्षा में रहने का सामूहिक अधिकार है. उन्हें किसी भी नरसंहार या हिंसा से दूर रखना चाहिए.

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अंतरिम सरकार से आग्रह किया कि वह क्षेत्र में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच करने और रिपोर्ट देने के लिए संयुक्त राष्ट्र को आमंत्रित करे. अंतरिम सरकार स्वदेशी लोगों के प्रतिनिधियों और संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय में स्थिति की निर्बाध निगरानी करे ताकि स्वदेशी लोगों की संस्थाओं को मजबूत किया जा सके और उनके सामूहिक और व्यक्तिगत अधिकारों के लिए सम्मान सुनिश्चित किया जा सके.

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप (RRAG) के निदेशक सुहास चकमा ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का यह संयुक्त बयान, सीएचटी के स्वदेशी जुम्मा लोगों पर किए जा रहे नरसंहार और हिंसा के अन्य कृत्यों के अपराध को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस पर यह दायित्व है कि वे शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के रूप में याद किए जाना चाहते हैं या बांग्लादेश में सबसे हाशिए पर पड़े समुदाय पर घोर मानवाधिकार उल्लंघन के अपराधी के रूप में.

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