नई दिल्ली : केरल सरकार ने एक असामान्य कदम उठाते हुए राज्य विधानसभा से पारित चार विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूरी न दिए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. राज्य सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा बगैर किसी कारण के विधेयकों को मंजूर न करने को असंवैधानिक कदम घोषित करने का न्यायालय से अनुरोध किया है.
इन विधेयकों में विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) (नंबर 2) विधेयक, 2021; केरल सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, 2022; विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2022; और विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) (नंबर 3) विधेयक, 2022 शामिल हैं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने केंद्र सरकार, राष्ट्रपति के सचिव, राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उनके अतिरिक्त सचिव को मामले में पक्षकार बनाया है.