पटना: कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ हुई जीत के सम्मान में हर वर्ष 26 जुलाई को देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. यह दिन हमारे वीर सैनिकों की बहादुरी के लिए समर्पित किया गया है. इस लड़ाई में हमारे देश के 527 सैनिकों में शहादत दी थी.
देश के शहीद जवानों का सम्मान: शुक्रवार को कारगिल दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर पूरा देश अपने वीर सपूतों को नमन कर रहा है. वर्ष 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत पर आक्रमण करने का दुस्साहस किया था. पाकिस्तान के सैनिकों ने कारगिल के बर्फीले पहाड़ों पर, 18,000 फीट की ऊंचाई से भारत को चुनौती दी थी.
देश के 527 सैनिकों ने दी थी शहादत: कारगिल की लड़ाई भारतीय सैनिकों के द्वारा लड़ी गई, सबसे चुनौती पूर्ण लड़ाई थी. 18 000 फीट बर्फीले पहाड़ की ऊंचाई पर हमारे सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटाई थी. 2 महीने तक चले इस युद्ध में करीब 527 सैनिक बलिदान हुए थे और करीब 1400 सैनिक घायल हुए थे. हमारे वीर सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए इस युद्ध में जीत हासिल की.
बिहार रेजीमेंट का अदम्य साहस: कारगिल युद्ध के दौरान बिहार रेजीमेंट के सैनिकों ने देश के सम्मान की रक्षा में अपनी जान लगा थी. इस युद्ध में बिहार रेजीमेंट के 18 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. बिहार के लिए यह और भी गर्व की बात है कि कारगिल युद्ध में सबसे पहले शहीद होने वालों में शामिल मेजर मरियप्पन सर्वानन बिहार रेजिमेंट से ही थे. जब सेना को बटालिक में दुश्मन की हरकत की जानकारी मिली थी, मेजर मरियप्पन ने अकेले ही दो बंकरों को नष्ट कर दिया. इस दौरान उनके पास कोई बैकअप भी नहीं था, लेकिन फिर भी मेजर मरियप्पन पीछे नहीं हटे और 29 मई 1999 को शहीद हो गये थे.
बिहार के जवानों की कुर्बानी: 2 महीने तक चले इस युद्ध में कारगिल युद्ध में देश के 527 वीर जवानों ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपनी कुर्बानी दी थी. बिहार के 18 जवानों ने अपनी जान देकर भारत मां की सुरक्षा की थी. बिहार के इन 18 वीर सपूतों पर पूरे प्रदेश को आज फक्र है. इन जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना पाकिस्तानी सैनिकों के समाने भारत का झंडा झुकने नहीं दिया था.
बिहार के शहीदों के नाम:बिहार के 18 जवानों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी. उनके नाम हैं- नायक नीरज कुमार (लखीसराय), नायक सुनील कुमार (मुजफ्फरपुर), लांस नायक विद्यानंद सिंह (आरा), लांस नायक राम वचन राय (वैशाली), मेजर चन्द्र भूषण द्विवेदी (शिवहर), नायक गणोश प्रसाद यादव (पटना), नायक विष्णु राय (सारण), हवलदार रतन कुमार सिंह (भागलपुर), अरविंद कुमार पाण्डेय (पूर्वी चम्पारण), प्रमोद कुमार (मुजफ्फरपुर), शिव शंकर गुप्ता (औरंगाबाद), हरदेव प्रसाद सिंह (नालंदा), रम्भु सिंह (सिवान), रमन कुमार झा (सहरसा), हरिकृष्ण राम (सिवान), प्रभाकर कुमार सिंह (भागलपुर)