देहरादून:कोरोना काल के बाद से ही भक्तों को तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत के दर्शन नहीं हो पाए हैं. जिसके बाद उत्तराखंड से ही कैलाश दर्शन की योजना पर काम किया जा रहा था. अब कैलाश दर्शन की यात्रा आखिरकार शुरू हो गई है. उत्तराखंड के कैलाश दर्शन की ये यात्रा 18 अक्टूबर तक चलेगी. इस यात्रा में लगभग 60 यात्रियों को मौका मिला है. सभी को पांच-पांच के ग्रुप में दर्शन करवाये जाएंगे. ऐसा पहली बार होगा जब भारत की सरजमीं पर खड़े होकर भक्त कैलाश के दर्शन कर सकेंगे.
उत्तराखंड में 2 साल से इस यात्रा को लेकर कोशिशें की जा रही थी जिन्हें अब पूरा कर लिया गया है. उत्तराखंड से कैलाश दर्शन के लिए भारत के अलग अलग राज्य से श्रद्धालु पिथौरागढ़ पहुंचे. जिनका जिला प्रशासन ने स्वागत किया. इस स्वागत से लोग बेहद उत्साहित नजर आए. पहले दल में भोपाल के नीरज मनोहर, चंडीगढ़ के मोहिनी नीरज, राजस्थान के अमनदीप कुमार, गंगनगर के कृष्ण नरेंद्र कुमार शामिल हैं. बृहस्पतिवार को यह सभी पर्यटक यात्रियों के लिए बनाए गए खास होमस्टे में पहुंचे. यह होमस्टे 10000 फीट पर स्थित गुंजी वाइब्रेट विलेज में है. यहां पर्यटन विभाग के अधिकारियों के दिशा निर्देश पर उन्हें यात्रा से संबंधित जानकारियां दी गई.
आज आदि कैलाश, कल होंगे कैलाश के दर्शन: आज श्रद्धालुओं का यह दल आदि कैलाश के दर्शन के लिए रवाना हुआ. पर्यटन विभाग इन दलों को कैलाश के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों के भी दर्शन करवा रहा है. आदि कैलाश के दर्शन करने के बाद 4 अक्टूबर यानी शुक्रवार को यह सभी भक्त ओम पर्वत के दर्शन करेंगे. इसके बाद अगर मौसम सही रहा तो 5 अक्टूबर को सभी भक्तों को 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन करवाए जाएंगे. यह पहला दल होगा जो भारत की सरजमी से आधिकारिक रूप से कैलाश मानसरोवर के दर्शन करेगा. इस पहले दल में पांच लोगों को जगह मिली है.
जिला प्रशासन वीडियो कर चुका है जारी:जिस जगह से कैलाश पर्वत के दर्शन होंगे उस जगह से कैलाश पर्वत खुली आंखों से बेहद दूर है, जिसे दूरबीन के माध्यम से देखा जाएगा. यह नजारा बेहद खूबसूरत होगा. बीते साल प्रशासन का एक दल भी इस जगह पर पहुंचा था. तब उन्होंने यहां की कुछ तस्वीरें और वीडियो जारी किए थे, जिसमें कैलाश पर्वत साफ देखा जा सकता था.