देहरादून (उत्तराखंड):ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बाबा रामदेव पर पलटवार किया है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जो व्यक्ति अपने धर्माचार्य का सम्मान नहीं करता है, क्या उसे हिंदू धर्म में रहने का अधिकार है, नोटिस भेज कर पूछा जाएगा.
ये था पूरा मामला:दरअसल, बीती 12 नवंबर 2024 को ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय की ओर से एक पत्र जारी किया गया था. जिसमें ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर गोहत्या को दंडनीय अपराध बनाने वाले कानून को जम्मू कश्मीर में पुन: बहाल करने की भारत सरकार से अपील की गई थी. जिसमें कहा गया था कि 'अनुच्छेद 370 की वापसी के कारण तत्समय प्रवृत्त रणबीर दंड संहिता वि.सं. 1989 (1932 ई. सन) भी निष्प्रभावी हो गई. जिसकी धारा 298 क में गोहत्या करने पर जुर्माने के साथ दस वर्ष तक की कारागार की सजा थी.'
बाबा रामदेव के बयान पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दी प्रतिक्रिया. (ETV Bharat) इसके अलावा आगे कहा था कि 'अब वहां पर रणबीर दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू हो गई है. जिसमें रणबीर दंड संहिता की धारा 298 क जैसा गोवध को दंडनीय बनाने वाला कोई प्रावधान नहीं है.' साथ ही आगे कहा गया था कि 'इसके कारण गोमाता और हिंदू आस्था पर चोट पहुंचाने पर दंडित करने वाला विधान भी समाप्त हो गया है, जो कि किसी भी हिंदू को स्वीकार्य नहीं हो सकता.'
ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय की ओर से जारी पत्र (फोटो साभार- ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय) वहीं, आगे केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा गया था कि 'रणबीर दंड संहिता की धारा 298 क और 298 ख के अनुरूप प्रावधान भारतीय न्याय संहिता 2023 में अविलंब अंतर्विष्ट किया जाए. ताकि, गोवध को दंडनीय अपराध बनाने वाला विधान दोबारे बहाल हो सके. साथ ही गोवध करने पर दंडित किया जा सके.'
बाबा रामदेव ने कही थी ये बात:वहीं, इस पत्र के जवाब में बाबा रामदेव ने प्रतिक्रिया दी थी. जिसमें उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया था. जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'धर्म में शंकराचार्य की बड़ी प्रतिष्ठा है. शंकराचार्य ने बयान दिया कि हम धारा 370 का वापस लेकर आएंगे. यह सोचकर रूह कांप उठती है. इससे बड़ा पाप, अधर्म, राष्ट्रघात और राष्ट्रदोह नहीं हो सकता है.' बाबा रामदेव ने आगे कहा 'शंकराचार्य के ऊपर राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज चलना चाहिए. उनका धर्म से बहिष्कार होना चाहिए...'
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अब रामदेव को भेजेंगे नोटिस:योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से दिए गए बयान के बाद अब ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रतिक्रिया आई है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 'वो सनातन धर्म के धर्माधिकारी हैं, यह बात उन्हें (रामदेव) को भूलनी नहीं चाहिए. जो व्यक्ति अपने सर्वोच्च धर्माचार्य के ऊपर ये कहे कि इन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करवाएंगे तो उस व्यक्ति को हिंदू धर्म में रहने का अधिकार है या नहीं, इस बारे में विचार नहीं होना चाहिए?'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि 'इसलिए उन्हें नोटिस दिया जाएगा. ताकि, वो इसका जवाब दें. उनके जवाब से पता चलेगा कि उनका आशय क्या था और वो क्या करना चाहते हैं. उसी आधार पर उनका निर्णय होगा.' ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यह प्रतिक्रिया देहरादून में धर्म सभा में दी.
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