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असम के सीएम की अपील पर झामुमो की चुटकी, नहीं सहा जाएगा बाबूलाल मरांडी का अपमान, भाजपा ने किया काउंटर अटैक - INFILTRATION ISSUE IN JHARKHAND

असम के सीएम हिमंता सरमा के बयान पर जेएमएम ने पलटवार किया है. पार्टी ने चुटकी लेते हुए इसे बाबूलाल का अपमान बताया है.

HIMANTA BISWA SARMA
हिमंता बिस्वा सरमा और जेएमएम का सिंबल (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 25, 2024, 1:50 PM IST

रांची: झारखंड चुनाव नतीजे आने के बाद असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा भाजपा विधायकों से बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को उठाते रहने की अपील पर राजनीति शुरू हो गई है. मुख्य सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुटकी लेते हुए एक्स पर पोस्ट कर सीएम हिमंता के इस आदेश को बाबूलाल मरांडी का अपमान बताया है.

जेएमएम ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि बाबूलाल जी- आपका यह अपमान नहीं सहा जाएगा. झामुमो ने हिमंता पर चुटकी लेते हुए लिखा है कि 'अगर इनकी सरकार बन जाती तो सुपर सीएम यही होते. क्या भाजपा विधायकों में खुद की बुद्धि, विवेक नहीं है कि अभी भी ये सीखा रहे हैं. भाजपा को 25 से 21 पर ले आये हैं और ऐसा ही चलता रहा तो 11 पर ला पटकेंगे. झामुमो ने अपने पोस्ट में लिखा है कि 'झारखंड का हर एक विधायक बांग्लादेश सीमा सुरक्षा का मुद्दा उठायेगा. देश की सीमा संभालने में नाकाम हमारे झारखंड भाजपा को ज्ञान ना दें.'

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा जी झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी थे. पूरी पार्टी एक परिवार के रुप में चलती है. तीन माह तक उन्होंने समय दिया. उनको भी झारखंड की चिंता है. डेमोग्राफी चेंज का दंश असम ने भी झेला है. उनके सुझाव पर झामुमो को क्यों तकलीफ हो रही है. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर पार्टी एकमत थी. भले ही परिणाम भाजपा के पक्ष में न आया हो, लेकिन पार्टी इसकी अनदेखी नहीं कर सकती. सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है.

दरअसल, 23 नवंबर को इंडिया गठबंधन के पक्ष में चुनावी नतीजे आने के बाद 24 नवंबर को असम के सीएम और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने संदेश में कहा था कि झारखंड के लिए बांग्लेदेशी घुसपैठ एक गंभीर समस्या है. आने वाले दिनों में यह झारखंड को व्यापक क्षति पहुंचा सकता है. इसलिए राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है कि वो बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करे. उन्होंने निर्वाचित विधायकों से निवेदन किया था कि वे सदन के भीतर इस मसले पर जोर-शोर से जरुर आवाज उठाएं.

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