हैदराबाद: वनडे विश्व कप 2011 की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अशीष नेहरा को ड्रेसिंग रूम में सबसे मनोरंजक किरदारों में से एक और बड़े दिल वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. नेहरा के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने वाले कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनके साथ बहुत मजेदार घटनाएं भी शेयर की हैं.
आशीष नेहरा ने अपने कोच के लिये खरीदा नया घर
हाल ही में मशहूर कमेंटेटर पदमजीत सहरावत ने एक पॉडकास्ट में आशीष नेहरा और उनके बचपन के दिवंगत कोच के बारे में दिल छू लेने वाली स्टोरी शेयर की है. उन्होंने बताया कि एक बार पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने अपने कोच तारक सिन्हा के साथ हंसी मजाक वाली बातें की और फिर उस बात के कुछ दिनों बाद ही तेज गेंदबाज ने अपने कोच को नए घर की चाबी थमा दी.
पदमजीत सहरावत ने शेयर की आशीष नेहरा की स्टोरी
पदमजीत सहरावत ने ऋचा जैन कालरा के पॉडकास्ट पर बताया, 'एक बार नेहरा सोनेट क्रिकेट क्लब में ट्रेनिंग कर रहे थे और कोच तारक सिन्हा को मैदान पर पहुंचने में देरी हो गई थी. नेहरा ने अपने कोच को चिढ़ाते हुए कहा, आप खुद देर से आ रहे हैं तो अपने छात्रों को कैसे ट्रेनिंग देंगे.
तारक सिन्हा ने जवाब दिया, 'आप एक भारतीय क्रिकेटर हैं, आप एक बंगले में रहते हैं और मैं एक किराए के घर में रहता हूं. मेरे घर के मालिक ने नोटिस भेजा है कि दो दिनों के भीतर दो लोगों को वह जगह छोड़नी होगी. मैं एक नई जगह की तलाश में चला गया और इसलिए देर हो गई.'
उस मजाक भरी बातों के अगले दो दिनों तक, बारिश के कारण क्लब बंद रहा और तीसरे दिन आशीष नेहरा तीन घंटे देरी से क्लब पहुंचे. तो अब कोच तारक सिन्हा ने मजाक में कहा, 'ओ टेस्ट प्लेयर! तो तो उस दिन बड़ा ज्ञान दे रहा था, आज क्या हो गया? जिसके बाद नेहरा ने अपने जेब से एक जाबी निकाली और कोच को सौंपते हुए कहा कि जिसके कोच किराए के घर में रह रहें हों तो उनके के लिए घर ढूंढने में तीन दिन तो लग ही जाते हैं. बता दें कि इस दिल छू लेने वाली स्टोरी को फेमस पत्रकार विजय लोकपल्ली की पुस्तक 'ड्रिवेन- द विराट कोहली स्टोरी' में भी जगह मिली है.
तारक सिन्हा कौन थे?
तारक सिन्हा को भारत के इतिहास में सबसे बेहतरीन क्रिकेट कोचों में से एक माना जाता है. उन्होंने 1969 में दिल्ली में सॉनेट क्रिकेट क्लब की स्थापना की, जिसने देश के कुछ बेहतरीन क्रिकेटरों को जन्म दिया, जिनमें आशीष नेहरा, वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा और शिखर धवन शामिल हैं.
भारत के मौजूदा शीर्ष विकेटकीपर-बल्लेबाज, ऋषभ पंत, उनकी अकादमी से उभरने वाले नवीनतम प्रमुख नाम हैं. उन्हें स्थानीय क्रिकेट हलकों में प्यार से "उस्तादजी" के नाम से जाना जाता था.
सिन्हा ने 2001 से 2002 तक भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच के रूप में भी काम किया. उनके योगदान को मान्यता देते हुए, उन्हें 2018 में भारत सरकार से प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला. दुर्भाग्य से, कैंसर से जूझने के बाद 2021 में उनका निधन हो गया.