रांची: राजधानी रांची में हुए डबल मर्डर मामले में भारतीय सेना के जवान मनोहर टोपनो ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा से एक-47 राइफल चोरी की थी. इसी राइफल से रांची में दो लोगों की हत्या की गई है. मामले की तफ्तीश को लेकर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस दोनों ही रांची पुलिस के संपर्क में हैं.
क्या है पूरा मामला
भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने रांची पुलिस से संपर्क कर मनोहर टोपनो द्वारा किए गए दोहरे हत्याकांड और बरामद एके 47 को लेकर सभी तरह की जानकारियां मांगी है. दोहरे हत्याकांड में मनोहर के गिरफ्तार होने के बाद यह खुलासा हुआ था कि उसने भारतीय सेना का ही एके 47 हथियार चुराकर अपने दोस्त के माध्यम से रांची मंगवाया था. फिर उसी हथियार से दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया. रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सेना के अधिकारियों और जम्मू कश्मीर पुलिस के द्वारा रांची पुलिस से संपर्क स्थापित किया गया जिसमें उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी गई है.
सेना का ही है एके 47
गिरफ्तार सेना के जवान मनोहर ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया था कि बरामद एके 47 भारतीय सेना का ही है. अब इस मामले की जांच सेना के द्वारा भी की जाएगी. बरामद एके 47 को लेकर भी आर्मी को सभी जानकारियां रांची पुलिस के द्वारा उपलब्ध करवाई गई है.
क्या है पूरा मामला
बीते मंगलवार यानी 4 फरवरी 2025 की रात नगड़ी में एक ऐसी वारदात हुई जिसने रांची पुलिस को हिला कर रख दिया था. मंगलवार को रिश्ते में चाचा भतीजा लगने वाले बुधराम और मनोज की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसके बाद मुख्य आरोपी भारतीय सेना जवान मनोहर टोप्पो और उसके दोस्त सुनील कच्छप को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जिस तरह की प्लानिंग की गई थी वो अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है.
छह महीने पहले ही चोरी कर लिया एके 47
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मनोहर टोपनो ने बुधराम की हत्या करने का मन 2024 में बना लिया था. मनोहर ने इसके लिए सबसे पहले भारतीय सेना के कुपवाड़ा कैंप से सेना के ही दूसरे जवान नायक राकेश कुमार का एके 47 राइफल चुरा लिया. फिर रांची से अपने दोस्त सुनील कच्छप को हवाई जहाज से जम्मू कश्मीर बुलाया और बस स्टैंड पर उसे उसे चोरी का एके 47 सौंप दिया. उस एके 47 राइफल को सुनील जम्मू कश्मीर से दिल्ली, पटना, मुजफ्फरपुर होते हुए बस से रांची पहुंचा. इसके बाद उसने राइफल अपने घर में छिपा दिया. 13 जनवरी 2025 को मनोहर एक महीने की छुट्टी लेकर रांची आया और अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर बुधराम के सीने में एके 47 की गोलियां उतार दी.
राइफल जंगल मे गाड़ फरार
दोहरे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस को वारदात वाले स्थल से कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे जिससे यह पता चल गया की इसमे मनोहर का हाथ है.
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मनोहर और उसके दोस्तों ने एक-47 राइफल को इटकी के घने जंगलों में जमीन के नीचे गाड़कर छिपा दिया था. पकड़े जाने पर राइफल कहां छिपाया गया है, इसकी जानकारी मनोहर ने पुलिस को दी जिसके बाद राइफल बरामद किया गया.
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