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सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में हिरासत में लिए गए छह लोग, BNSS के तहत केस दर्ज - SECTARIAN TENSIONS

पुलिस ने सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करके सांप्रदायिक अशांति भड़काने के आरोप में छह लोगों को हिरासत में लिया है.

JK Police detain  six in Kashmir for stoking sectarian tensions
सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप हिरासत में लिए गए छह लोग (सांकेतिक तस्वीर)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2025, 3:59 PM IST

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया है. इन पर सोशल मीडिया पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करके सांप्रदायिक अशांति भड़काने के आरोप है. इस संबंध में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सभी 'उपद्रवियों' पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 126 और 170 के तहत आरोप लगाए गए हैं और उन्हें श्रीनगर की सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है.

नए कानून के तहत पुलिस को शांति भंग करने या सार्वजनिक शांति में व्यवधान पैदा करने की आशंका में किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने की अनुमति है. पुलिस के प्रवक्ता ने लोगों को ऐसा कंटेंट पोस्ट करने या शेयर करने को लेकर आगाह किया, जिससे सार्वजनिक सौहार्द बिगड़ सकता है. उन्होंने कहा कि वे ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.

अधिकारी ने कहा, "कोई भी व्यक्ति अगर विभाजन पैदा करने या सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से सांप्रदायिक कंटेंट पोस्ट करने या शेयर करने सहित इसी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसका भी यही हश्र होगा." फिलहाल पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों के नाम नहीं बताए.

धार्मिक संगठनों ने जताई चिंता
यह घटनाक्रम सोशल मीडिया पर एक वीडियो के सर्कूलेट होने के बाद हुई है. वीडियो में एक व्यक्ति पैगंबर (PBUH) के साथियों पर अपमानजनक टिप्पणी करता हुआ दिखाई दे रहा है, जिस पर घाटी में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. धार्मिक संगठनों के एक समूह मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU) ने सांप्रदायिक तनाव को भड़काकर क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को बाधित करने के प्रयासों पर गंभीर चिंता व्यक्त की.

'समुदाय को विभाजित करने का प्रयास'
MMU ने कहा, "हाल ही में एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर श्रद्धेय साथियों और खुलफा-ए-राशिदीन के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी बेहद दुखद और अस्वीकार्य है." घाटी के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले एमएमयू ने कहा कि ये बयान न केवल इस्लामी शिक्षाओं की भावना के खिलाफ हैं, बल्कि समुदाय को विभाजित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास भी है, जिसकी जम्मू-कश्मीर में एकता और आपसी सम्मान की लंबे समय से परंपरा रही है.

उन्होंने सभी संप्रदायों के धार्मिक विद्वानों और नेताओं से अपने अनुयायियों को आस्था की पवित्रता को बनाए रखने और भाईचारे के मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में मार्गदर्शन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "हम अधिकारियों से क्षेत्र में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को और अधिक बाधित होने से रोकने के लिए इस तरह की भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल और उचित कार्रवाई करने का भी आग्रह करते हैं."

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