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दिल्ली हाईकोर्ट ने दोहरे हत्याकांड मामले में गैंगस्टर नीरज बवानिया की जमानत याचिका की खारिज - ​​GANGSTER NEERAJ BAWANIA

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2015 में जेल वाहन में दो कैदियों की हत्या करने के मामले में गैंगस्टर नीरज बवानिया को जमानत देने से किया इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 15, 2025, 10:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवानिया की जमानत याचिका खारिज कर दी, जो 2015 में जेल वैन में दो कैदियों की दोहरी हत्या के मामले में फंसा हुआ है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि जेल वाहन जैसी छोटी जगह जहां पर सुरक्षाकर्मी भी होते हैं, वहां हुई ये घटना असाधारण दुस्साहस वाली है.

कोर्ट ने कहा कि ये घटना इतनी असाधारण है कि जेल वाहन के सुरक्षाकर्मी भी इस घटना को नहीं रोक सके. कोर्ट ने नीरज बावनिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि ट्रायल में देरी हो रही है और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के आपराधिक इतिहास और घटना की गंभीरता पर गौर करने के बाद जमानत नहीं दी जा सकती है. हालांकि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वो इस मामले में ट्रायल जल्द पूरा करें.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने नीरज बवानिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 2015 में रोहिणी कोर्ट के लॉक अप से तिहाड़ जेल ले जाने के दौरान नीरज बवानिया ने दो कैदियों को जेल वाहन के फर्श पर मारकर गिरा दिया और घोंटकर हत्या कर दी. इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या ऐसे दुर्दांत को रिहा करना समाज के लिए सुरक्षित रहेगा. उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है कि वो दूसरा गंभीर अपराध नहीं करेगा. सुनवाई के दौरान नीरज बावनिया की ओर से पेश वकील ने कहा कि आरोपी नौ सालों से ज्यादा समय से विचाराधीन कैदी है और अभी ये साफ नहीं है कि ट्रायल कब खत्म होगा.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवानिया की जमानत याचिका खारिज कर दी, जो 2015 में जेल वैन में दो कैदियों की दोहरी हत्या के मामले में फंसा हुआ है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने कहा कि जेल वाहन जैसी छोटी जगह जहां पर सुरक्षाकर्मी भी होते हैं, वहां हुई ये घटना असाधारण दुस्साहस वाली है.

कोर्ट ने कहा कि ये घटना इतनी असाधारण है कि जेल वाहन के सुरक्षाकर्मी भी इस घटना को नहीं रोक सके. कोर्ट ने नीरज बावनिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि ट्रायल में देरी हो रही है और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के आपराधिक इतिहास और घटना की गंभीरता पर गौर करने के बाद जमानत नहीं दी जा सकती है. हालांकि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वो इस मामले में ट्रायल जल्द पूरा करें.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने नीरज बवानिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 2015 में रोहिणी कोर्ट के लॉक अप से तिहाड़ जेल ले जाने के दौरान नीरज बवानिया ने दो कैदियों को जेल वाहन के फर्श पर मारकर गिरा दिया और घोंटकर हत्या कर दी. इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या ऐसे दुर्दांत को रिहा करना समाज के लिए सुरक्षित रहेगा. उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है कि वो दूसरा गंभीर अपराध नहीं करेगा. सुनवाई के दौरान नीरज बावनिया की ओर से पेश वकील ने कहा कि आरोपी नौ सालों से ज्यादा समय से विचाराधीन कैदी है और अभी ये साफ नहीं है कि ट्रायल कब खत्म होगा.

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