हैदराबाद: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का सरगना और 2013 के दिलसुखनगर विस्फोट मामले में दोषी सैयद मकबूल उर्फ जुबैर की गुरुवार 25 जुलाई को इलाज के दौरान मौत हो गई. वह 52 वर्ष का था. मूल रूप से महाराष्ट्र के नांदेड़ का रहने वाला मकबूल 2013 में दिलसुखनगर बम विस्फोट में शामिल होने के कारण आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. बता दें, उस बलास्ट में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 130 से अधिक लोग घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के गांधी अस्पताल में उसने अंतिम सांस ली.
देश में में हुए धमाकों का मास्टरमाइंड होने का आरोप
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर आईएम के उच्च पदस्थ सदस्यों के साथ मजबूत संबंध होने का आरोप लगाया था. बता दें, सैयद मकबूल आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक आजम गौरी का करीबी माना जाता था. यासीन भटकल व अन्य पर हैदराबाद समेत देश भर के विभिन्न शहरों में हुए धमाकों का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. एनआईए ने हैदराबाद में 2006 के वाराणसी, 2007 के मुंबई सीरियल धमाकों, 2008 के जयपुर, 2008 के दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु और दिलसुखनगर धमाकों में उसकी भूमिका का उल्लेख किया .
आजीवन कारावास की काट रहा था सजा
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद वह पिछले कुछ सालों से तिहाड़ जेल में था और छह महीने के लिए उसे कित्रम चरलापल्ली जेल लाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि वह जुबली हिल्स बम धमाकों और निजामाबाद हत्याकांड में भी आरोपी था. बता दें, आईएम ने देश भर में कई हमलों की साजिश रची थी, जिसमें हैदराबाद मुख्य लक्ष्य था. उसे 2013 में गिरफ्तार किया गया था और अक्टूबर 2023 में दिल्ली की एक अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के बाद, उसे नवंबर में चेरलापल्ली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.