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डॉक्टरों ने बनाया रिकॉर्ड, 14 महीने की बच्ची का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट, भारत में पहली बार हुई ऐसी सर्जरी - HEART TRANSPLANT

Child Heart Transplant: बेंगलुरु के 'नारायण हेल्थ सिटी' के डॉक्टरों ने 14 महीने की बच्ची को सफलतापूर्वक हृदय प्रत्यारोपण करने का रिकॉर्ड बनाया है.

India youngest-ever heart transplant Saves Life of 14-Month-Old Baby in Bengaluru
बेंगलुरु के डॉक्टरों ने 14 महीने की बच्ची का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 21, 2024, 10:56 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान 'नारायण हेल्थ सिटी' ने 14 महीने की बच्ची को सफलतापूर्वक हृदय प्रत्यारोपण करने का रिकॉर्ड बनाया है. यह देश में सबसे कम उम्र के इंसान का हृदय प्रत्यारोपण है. इस अभूतपूर्व चिकित्सा प्रक्रिया एक बच्ची पर की गई, जिसे 'रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी' (RCM) नामक एक दुर्लभ और गंभीर हृदय रोग का पता चला था, जिससे उसका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था.

बताया गया है कि जब बच्ची मात्र 10 महीने की थी, तब से उसकी हालत तेजी से बिगड़ती गई. बच्ची को पीलिया, तेजी से वजन घटना, पेट में तरल पदार्थ का जमाव और खाने में असमर्थता की समस्याएं हुईं. इसके कारण बच्ची के माता-पिता ने डॉक्टरों को दिखाया. जैसे-जैसे बच्ची की हालत बिगड़ती गई, नारायण हेल्थ सिटी के डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि हृदय प्रत्यारोपण ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प था.

अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. शशिराज ने बताया, "बच्चों में हृदय गति रुकना (हार्ट फेलियर) विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण मुद्दा है. हृदय दान की दुर्लभता के अलावा, इतने कम उम्र के मरीज में प्रत्यारोपण करने की जटिलता भी होती है. स्थिति की गंभीरता ने इस चुनौती को आसान बना दिया."

दो महीने बाद बच्ची को मिली छुट्टी
18 अगस्त, 2024 को, डॉ. सुदेश प्रभु, डॉ. कुमारन और डॉ. श्रीधर जोशी के नेतृत्व में डॉक्टरों की उच्च कुशल टीम ने मात्र 72 घंटों के भीतर ढाई साल के डोनर बच्चे का हार्ट मिलने के बाद सफल हृदय प्रत्यारोपण किया. नाजुक सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हुई और दो महीने की गहन रिकवरी के बाद, बच्ची को अच्छी सेहत के साथ छुट्टी दे दी गई, जब वह खाने-पीने लगी और उसका वजन भी काफी बढ़ गया.

डॉ. शशिराज ने कहा, "हम अपनी मेडिकल टीम के सामूहिक प्रयास और समय पर हृदय दान के लिए आभारी हैं. यह मामला हार्ट फेलियर और अंग दान के बारे में जागरूकता के जरूरी महत्व को रेखांकित करता है."

नारायण हेल्थ सिटी में एडवांस्ड कार्डियोवैस्कुलर डिजीज ट्रीटमेंट के निदेशक डॉ. जूलियस पुन्नन ने कहा, "समय पर चिकित्सा और अच्छी तरह से समन्वित उपचार इस हृदय प्रत्यारोपण की सफलता के लिए महत्वपूर्ण थे."

पूरी मेडिकल टीम की सराहना
नारायण हेल्थ सिटी के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवराज देवीशेट्टी ने इस उपलब्धि को संस्थान के लिए 'गर्व का क्षण' बताया. उन्होंने इस जटिल सर्जरी को सफल बनाने में डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सकों और सहायक कर्मचारियों सहित पूरी मेडिकल टीम के समर्पण की सराहना की.

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