नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों के संपत्ति अधिकार बहाल करने के तालिबान के फैसले का स्वागत किया. साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अगर तालिबान प्रशासन ने अफगानिस्तान से हिंदुओं और सिखों को संपत्ति के अधिकार बहाल करने का फैसला किया है, तो यह एक सकारात्मक विकास है.
यह तालिबान कि ओर से अफगानिस्तान में हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों से जब्त की गई निजी भूमि को वापस करने की योजना की घोषणा के बाद आया है. सूत्रों के मुताबिक ये संपत्तियां पूर्व सरकार से जुड़े ताकतवर सरदारों से ली जा रही हैं. तालिबान के कब्जे के बाद कई सिखों और हिंदुओं ने अफगानिस्तान छोड़ दिया, इस डर से कि उन्हें उनकी आस्था और विश्वास के लिए निशाना बनाया जाएगा.
लेकिन, इस्लामिक स्टेट, खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के लड़ाकों ने हिंदुओं और सिखों को भी निशाना बनाया. जिन्होंने अमेरिका की वापसी के तुरंत बाद खुद को तालिबान के लिए एक चुनौती के रूप में सामने रखा. 2022 में, इसने हिंदुओं और सिखों पर हमलों की एक श्रृंखला शुरू की, एक अवसर पर एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया, जिससे वहां रहने वाले सिखों को सिख पवित्र पुस्तक, गुरु ग्रंथ साहिब के अंतिम दो 'स्वरूपों' को काबुल से नई दिल्ली लाने के लिए मजबूर होना पड़ा.