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यमन की जेल में बंद भारतीय लड़की की रिहाई के लिए ईरान ने उठाया कदम - NIMISHA PRIYA

मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने में Save Nimisha Priya Forum ने ईरान की पहल पर आशा व्यक्त की है.

Nimisha Priya.
निमिषा प्रिया. (File Photo) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2025, 7:18 PM IST

तिरुवनंतपुरमः यमन में कैद मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने में Save Nimisha Priya Forum ने ईरान की पहल पर आशा व्यक्त की है. फोरम का मानना ​​है कि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और हौथी नेता अब्दुल सलाम के बीच हाल ही में हुई बातचीत उनकी रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. ईरानी विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि यमन वर्तमान में इस मामले पर चर्चा कर रहा है.

भारत ने ईरान से अनुरोध किया हैः सेव निमिषा प्रिया फोरम के संयोजक बाबू जॉन ने ईटीवी भारत से कहा कि ईरान के हस्तक्षेप से यमन के नागरिक तलाल अब्दुल महदी के परिवार के साथ बातचीत आगे बढ़ सकती है. बता दें कि तलाल अब्दुल महदी की मौत के आरोप में ही निमिषा जेल में बंद है. भारत ने पहले इस मामले में सहायता के लिए ईरान से अनुरोध किया था. भारत और ईरान दोनों के विदेश मंत्रियों ने मस्कट में मुलाकात की थी, जिसमें मामले को सुलझाने की संभावना पर चर्चा की गई थी.

क्यों कैद में है निमिशा प्रियाः केरल के पलक्कड़ के कोलांगोडे की मूल निवासी निमिषा प्रिया की परेशानी 2017 से शुरू हुई. निमिषा, 2012 में टॉमी से शादी करने के बाद नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन चली गई. वहां, महदी के साथ साझेदारी में क्लिनिक शुरू की. यमन में युद्ध छिड़ने के दौरान, निमिषा घर वापस नहीं लौट पाई. इस दौरान वह महदी के दुर्व्यवहार का शिकार होने लगी. उसे और एक अन्य यमनी महिला को कथित रूप से शारीरिक और मानसिक यातना दी जा रही थी.

कैसे लगा हत्या का आरोपः निमिषा ने जो कार्ट को बताया उसके अनुसार महदी ने उन दोनों का पासपोर्ट जब्त कर लिया था. जब निमिषा और यमनी महिला महदी का उत्पीड़न सहन करने में असमर्थ महसूस करने लगी तो दोनों ने भागने का प्लान बनाया.एक दिन महदी को नशीली दवा देने के बाद अपना पासपोर्ट लेकर भागने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. इस बीच, तलाल का शव उसके क्लिनिक में मिला. दोनों महिलाओं पर हत्या का आरोप लगा.

यमन के राष्ट्रपति ने मृत्युदंड को मंजूरी दीः बचाव पक्ष द्वारा निर्दोष होने का दावा करने के बावजूद, निमिषा यमन की ट्रायल कोर्ट को यह समझाने में असमर्थ रही कि वह महदी की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं थी. कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई, जबकि यमन की महिला को आजीवन कारावास की सजा मिली. ट्रायल कोर्ट में अपील को खारिज कर दिया गया. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी उसके मामले को खारिज कर दिया. यमन के राष्ट्रपति ने मृत्युदंड को मंजूरी दे दी.

रिहा होने के क्या हैं रास्तेः निमिषा की मौत की सजा से बचने की एकमात्र उम्मीद महदी के उत्तराधिकारियों की माफी पर टिकी है. यमन के कानून के अनुसार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत जिसकी हत्या होती है उसके वारिस को मुआवजा राशि के भुगतान के बाद उनसे मिली माफी से रिहाई का रास्ता खुल सकती है. निमिषा की मां, प्रेमकुमारी अपनी बेटी की रिहाई की गुहार लगाते हुए यमन में कई महीने बिताए. बेटी रिहाई के हर संभव प्रयास कर रही है.

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भारत ने ईरान से अनुरोध किया हैः सेव निमिषा प्रिया फोरम के संयोजक बाबू जॉन ने ईटीवी भारत से कहा कि ईरान के हस्तक्षेप से यमन के नागरिक तलाल अब्दुल महदी के परिवार के साथ बातचीत आगे बढ़ सकती है. बता दें कि तलाल अब्दुल महदी की मौत के आरोप में ही निमिषा जेल में बंद है. भारत ने पहले इस मामले में सहायता के लिए ईरान से अनुरोध किया था. भारत और ईरान दोनों के विदेश मंत्रियों ने मस्कट में मुलाकात की थी, जिसमें मामले को सुलझाने की संभावना पर चर्चा की गई थी.

क्यों कैद में है निमिशा प्रियाः केरल के पलक्कड़ के कोलांगोडे की मूल निवासी निमिषा प्रिया की परेशानी 2017 से शुरू हुई. निमिषा, 2012 में टॉमी से शादी करने के बाद नर्स के तौर पर काम करने के लिए यमन चली गई. वहां, महदी के साथ साझेदारी में क्लिनिक शुरू की. यमन में युद्ध छिड़ने के दौरान, निमिषा घर वापस नहीं लौट पाई. इस दौरान वह महदी के दुर्व्यवहार का शिकार होने लगी. उसे और एक अन्य यमनी महिला को कथित रूप से शारीरिक और मानसिक यातना दी जा रही थी.

कैसे लगा हत्या का आरोपः निमिषा ने जो कार्ट को बताया उसके अनुसार महदी ने उन दोनों का पासपोर्ट जब्त कर लिया था. जब निमिषा और यमनी महिला महदी का उत्पीड़न सहन करने में असमर्थ महसूस करने लगी तो दोनों ने भागने का प्लान बनाया.एक दिन महदी को नशीली दवा देने के बाद अपना पासपोर्ट लेकर भागने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. इस बीच, तलाल का शव उसके क्लिनिक में मिला. दोनों महिलाओं पर हत्या का आरोप लगा.

यमन के राष्ट्रपति ने मृत्युदंड को मंजूरी दीः बचाव पक्ष द्वारा निर्दोष होने का दावा करने के बावजूद, निमिषा यमन की ट्रायल कोर्ट को यह समझाने में असमर्थ रही कि वह महदी की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं थी. कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई, जबकि यमन की महिला को आजीवन कारावास की सजा मिली. ट्रायल कोर्ट में अपील को खारिज कर दिया गया. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी उसके मामले को खारिज कर दिया. यमन के राष्ट्रपति ने मृत्युदंड को मंजूरी दे दी.

रिहा होने के क्या हैं रास्तेः निमिषा की मौत की सजा से बचने की एकमात्र उम्मीद महदी के उत्तराधिकारियों की माफी पर टिकी है. यमन के कानून के अनुसार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत जिसकी हत्या होती है उसके वारिस को मुआवजा राशि के भुगतान के बाद उनसे मिली माफी से रिहाई का रास्ता खुल सकती है. निमिषा की मां, प्रेमकुमारी अपनी बेटी की रिहाई की गुहार लगाते हुए यमन में कई महीने बिताए. बेटी रिहाई के हर संभव प्रयास कर रही है.

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