हैदराबाद:मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार पूर्वी, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को छोड़कर जनवरी में भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. वहीं, जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में बारिश औसत से कम रहने की संभावना है. इस बीच मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी भागों में जनवरी में शीत लहर की संभावना है.
उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्य गेहूं, मटर, चना और जौ जैसी रबी फसलों के प्रमुख उत्पादक हैं. ये फसलें सर्दियों (अक्टूबर से दिसंबर) में उगाई जाती हैं और गर्मियों (अप्रैल से जून) में काटी जाती हैं. वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के कारण सर्दियों के दौरान होने वाली बारिश इन फसलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
मौसम विज्ञान ने इस बारे में जानकारी दी है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों और मध्य दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से अधिक रहने की उम्मीद है.
हालांकि, मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी भागों में जनवरी में सामान्य से अधिक शीत लहर वाले दिन रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने यह भी भविष्यवाणी की है कि जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में बारिश औसत से कम रहने की संभावना है. 1971 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर इस अवधि के लिए औसत वर्षा लगभग 184.3 मिमी है.
उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश, गेहूं, मटर, चना और जौ जैसी रबी फसलों के प्रमुख उत्पादक हैं. ये फसलें सर्दियों (अक्टूबर से दिसंबर) में उगाई जाती हैं और गर्मियों (अप्रैल से जून) में काटी जाती हैं.