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अब ब्लड टेस्ट के लिए लैब जाने की नहीं रहेगी जरूरत, आईआईटी जोधपुर ने की तकनीक ईजाद - IIT JODHPUR BLOOD TEST TECHNIQUE - IIT JODHPUR BLOOD TEST TECHNIQUE

IIT Jodhpur, आईआईटी जोधपुर ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए अब मरीज या उनके परिजन आसानी से घर बैठे और वो भी किफायती दर पर बिना डायग्नोस्टिक सेंटर गए ब्लड सैंपल की जांच कर सकेंगे. साथ ही स्मार्टफोन पर आसानी से टेस्ट के नतीजे भी प्राप्त हो जाएंगे.

IIT Jodhpur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 29, 2024, 6:32 AM IST

Updated : Mar 29, 2024, 11:37 AM IST

आईआईटी जोधपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकुर गुप्ता

जोधपुर.आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्च ग्रुप ने एक ऐसा उपकरण बनाया है जिसके जरिए अब बीमारियों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक खून की जांच स्मार्ट फोन में अटैच कर के कर सकते हैं. अब ब्लड सैंपल के जांच के लिए डायग्नोस्टिक सेंटर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस उपकरण के जरिए लेबोरेटरी पेपर बेस्ड एनालिटिक तकनीक से और वो भी सस्ती जांच हो सकेगी. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी. फिलहाल ये प्रोटोटाइप है. इस उपकरण के बन जाने के बाद कोई भी शख्स खुद ही घर बैठे आसानी से टेस्ट कर जांच के नतीजे जान सकेगा. वहीं, इस प्रोटोटाइप को आने वाले दिनों में अलग-अलग चरणों में विभिन्न टेस्ट के लिए विकसित किया जाएगा. शुरुआत में ग्लूकोज के कृत्रिम सैंपल की जांच की गई है. ऐसे में अब आने वाले समय में इसके क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे.

अब घर बैठे हो सकेगी ब्लड सैंपल की जांच :आईआईटी के मैकेनिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकुर गुप्ता ने बताया कि इस तंत्र के इस्तेमाल के लिए एक एप्लिकेशन बनाई गई है. इस एप्लिकेशन के जरिए स्मार्ट फोन को कनेक्ट कर परिणाम प्राप्त हो सकेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि पेपर पर ब्लड डालने पर जो रिएक्शन आएगा, उसकी तस्वीर खींचकर एप्लीकेशन में अपलोड करनी होगी जिससे पूरी डिटेल जानकारी मिलेगी. वहीं, ग्लूकोज के अलावा आने वाले समय में यूरिक एसिड, लैक्टेट की जांच भी हो सकेगी. डॉ. गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से ग्लूको मीटर में स्ट्रीप से ग्लूकोज की जांच होती है, ठीक वैसे ही हम लेबोरेटरी पेपर विकसित किए हैं. ऐसे में बिना मशीन के इस्तेमाल के स्मार्ट फोन की मदद से सटीक परिणाम जाने जा सकेंगे.

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किफायती बनाने पर हो रहा काम :डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्मार्टफोन आसानी से अन्य डिवाइस और प्लेटफॉर्म्स के साथ जुड़ जाते हैं. इससे मॉनिटरिंग डेटा सुरक्षित रखने और परिणाम शेयर करना आसान होता है. ऐसे में हमारा प्रयास है कि आम व्यक्ति इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकें. इसी दिशा में हम अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ रहे हैं. वर्तमान में यह तकनीकी ऑन-द-स्पॉट ग्लूकोज परीक्षण परिणाम प्रदान कर सकता है. इसे किफायती और बायोडिग्रेडेबल डिजाइन किया गया है. जांच की वर्तमान लागत लेबोरेटरी में केवल 10 रुपए आ रही है. हमें उम्मीद है कि बड़े पैमाने पर उत्पादन होने से इसकी लागत 5 रुपए तक हो सकती है. उन्होंने बताया कि इस रिसर्च ग्रुप में विनय किशनानी, निखिल कश्यप और शिवम शशांक शामिल हैं.

Last Updated : Mar 29, 2024, 11:37 AM IST

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