IAS Shailbala Controversy:मध्य प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने महामंडलेश्वर के देश छोड़कर चले जाने वाले बयान का जवाब दिया है. शैलबाला ने ऐसा कहने वालों को 'संविधान विरोधी' बताया है. दरअसल, बीते दिनों अल्प प्रवास पर गुना आए महामंडलेश्वर अनिलानंद महराज ने आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन को देश छोड़कर चले जाने की नसीहत दी थी. दरअसल, शैलबाला ने धार्मिक स्थलों पर बजने वाले स्पीकर्स पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि क्या मंदिरों में गली-गली बजने वाले स्पीकर्स से शोर नहीं होता? उनके इसी कमेंट के बाद से यह बवाल मचा हुआ है.
शैलबाला मार्टिन ने महामंडलेश्वर को दिया जवाब
शैलबाला मार्टिन ने महामंडलेश्वर को जवाब देते हुए एक्स पर लिखा, '' नहीं आप मुझे देश निकाला नहीं दे सकते. इस देश की माटी में ही दफन होऊंगी. लाउड स्पीकर और डीजे का प्रश्न उठाने पर परम आदरणीय महामंडलेश्वर अनिल जी महाराज ने मुझे देश छोड़ कर चले जाने को कहा है. कुछ और लोग भी मेरे चार लाइन के ट्वीट पर मुझे देश निकाला दे रहे हैं. जब तक कुछ अगंभीर लोग (ट्रोल्स) धमकी दे रहे थे तब तक उत्तर देना आवश्यक नहीं लगा, लेकिन अब सम्माननीय महामंडलेश्वर जी जैसे विद्वान ने मुझे देश से चले जाने की धमकी दी है, तब लगा कि कुछ उत्तर दिया जाए. यद्यपि महामंडलेश्वर जी ने मेरी "शारीरिक और मानसिक बनावट" पर भी टिप्पणी की है, लेकिन उस पर मुझे कुछ नहीं कहना है.''
शैलबाला ने पत्रकार के ट्वीट पर की थी टिप्पणी
पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए शैलबाला ने लिखा, '' वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार जी के ट्वीट पर मेरा रीट्वीट आधारित था. वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा था कि तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अजान की आवाजें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने से परेशानी क्यों होना चाहिए? स्वाभाविक ही है कि जब मुकेश कुमार जी का ट्वीट मस्जिदों के लाउड स्पीकर से एक वर्ग विशेष की आपत्ति पर था तो सहज रूप से मैंने भी 4 लाइन लिखकर मंदिरों के लाउड स्पीकर की ओर ध्यान दिलाया.''
मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकरों पर उठाए थे सवाल
शैलबाला ने पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा था ''और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर-दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी-आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता.?" शैलबाला ने आगे लिखा ''लेकिन ट्वीट के मूल भाव को न समझते हुए कुछ लोगों ने आपत्ति की. सहज शालीन भाषा में आपत्ति और असहमति का स्वागत है, लेकिन बात गालियों से होते हुए मेरे देश निकाले की धमकी तक पहुंच गई है. मैं आप सबको बताना चाहती हूं कि मैंने अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत ही अन्य धार्मिक स्थलों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की ओर ध्यान आकर्षित किया था. किसी भी प्रकार का प्रदूषण चाहे किसी भी व्यक्ति, समाज या धार्मिक स्थल/संगठन द्वारा फैलाया जा रहा हो, न केवल पर्यावरण के लिए अपितु स्वास्थ्य के लिए भी सर्वाधिक घातक है. इसलिए देश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बनाए गए हैं. मेरा अब भी यही अभिमत है कि चाहे, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा हो या अन्य कोई सार्वजनिक स्थान हो सभी जगह एक सीमा से अधिक शोर किसी के भी हित में नहीं है.''
अपने धर्म के मठाधीशों के खिलाफ भी उठा चुकी हैं आवाज