इंदौर: कैंसर जैसी भयावह बीमारी से घबराकर और डरकर नहीं बल्कि बीमारी से लड़ने के हौसले और जिंदादिली से इसपर काबू पाया जा सकता है. इसकी जीती जागती मिसाल हैं इंदौर की कयाकिंग कैनोइंग प्लेयर पूजा गर्ग. जो खुद अपने पैरों पर चल नहीं सकतीं, लेकिन अपनी बीमारी को हौसले से हराने के लिए 4500 किलोमीटर की यात्रा करके नाथुला दर्रे की चोटी पर चढ़ाई करेंगी. पूजा यहां 7 नवंबर को तिरंगा फहराएंगी.
एक हादसे में टूट गई थी रीढ़ की हड्डी
दरअसल, साल 2010 में हुए एक हादसे में पूजा की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. इसके बाद से ही वे चलने फिरने में असमर्थ होकर व्हीलचेयर पर आ गईं. 3 साल तक बेड पर रहने के दौरान पूजा को स्पाइन फैक्चर के कारण ही बोन कैंसर हो गया. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने फिजियोथेरेपी सहित तमाम प्रयासों से बेड से उठकर व्हीलचेयर के सहारे मूवमेंट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि, अभी भी वे व्हीलचेयर से ही तमाम कार्य करती हैं.
कैंसर अवेयरनेस यात्रा की हुई शुरुआत
पेशे से इंजीनियर पूजा ने बताया, '' यदि पॉजिटिविटी के साथ मन में बीमारियों से लड़ने की हिम्मत और हौसला हो तो किसी भी बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है. इसी सोच के साथ इस तरह का टास्क मैंने चुना है'' अब पूजा को उम्मीद है कि इसी कैंसर अवेयरनेस यात्रा जैसे टास्क की वजह से बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिलेगी. 25 अक्टूबर को इंदौर के गीता भवन मंदिर प्रांगण से पूजा ने अपनी यात्रा की शुरुआत की है. इस दौरान पूजा के परिजनों के अलावा अन्य शुभचिंतकों और परिवार के लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं देकर हौसला अफजाई की.
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खास बाइक से तय करेंगी 4500 किमी की दूरी
खासतौर पर तैयार की गई एक बाइक से पूजा 4500 किलोमीटर दूरी की यात्रा तय करेंगी. यात्रा शुरू करने के बाद वे राष्ट्रीय कैंसर अवेयरनेस दिवस पर नाथुला दर्रे की चोटी पर पहुंचकर 7 नवंबर को तिरंगा फहराएंगी. इस दौरान पूजा की मां रेखा गर्ग ने कहा कि यह पूजा का जज्बा है कि वह इतनी लंबी दूरी तय करने जा रही है. शुरू से ही वह लक्ष्य के प्रति गंभीर रहती है. पूजा ने इस तरह की चुनौती अपनी बीमारी के खिलाफ जज्बा हासिल करने के लिए ली है. पूरी यात्रा के दौरान पूजा की मां साथ रहेंगी और बेटी के साथ इंदौर से सिक्किम की यात्रा करते हुए नाथुला दर्रे पर पहुंचेंगी.