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विदेशी प्रोडक्ट पर देसी गोबर हावी, अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक भारी डिमांड

सागर की गरीब तबके की महिलाओं ने गोबर से ऐसे प्रोडक्ट बनाए, जिनके विदेशों में भी भारी डिमांड है. इनसे कमा रही हैं लाखों.

GOBAR PRODUCTS ON DIWALI 2024
गोबर से बने प्रोडक्टों की विदेशों में बढ़ी डिमांड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

सागर: आपको अचरज होगा कि गोबर से सजावटी की ऐसी चीजें भी इन दिनों बन रही हैं, जिनकी डिमांड देश में होने के साथ-साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी हो रही है. खास बात यह है कि यह प्रोडक्ट सागर में गरीब तबके की महिलाएं बना रही हैं. जिनके जरिए उन्हें रोजगार हासिल हो रहा है और पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है. एक सामाजिक संस्था की पहल पर गोबर से दीवार घड़ी से लेकर मूर्तियां, शुभ-लाभ, दीप, श्री यंत्र, मालाएं जैसी चीजें बनाई जा रही हैं. इस बार इन महिलाओं ने करीब 5 हजार घड़ियां गोबर से तैयार की हैं और इनकी इतनी डिमांड है कि 4 हजार से ज्यादा घड़ियां बिक चुकी हैं. खास बात ये है कि सामाजिक संस्था द्वारा इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी व्यवस्था की गई है. ऐसे में देश के चुनिंदा शहरों और विदेश से भी उनकी मांग आ रही है.

विदेशी प्रोडक्ट पर देसी गोबर हावी (ETV Bharat)

कैसे तैयार होते हैं गोबर से उत्पाद?

गोबर से तैयार होने वाले उत्पादों में 70% गोबर और 30% मिट्टी का उपयोग किया जाता है. पहले इन्हें पाउडर की तरह बारीक दिया जाता है और फिर इनका मिश्रण तैयार किया जाता है. मिश्रण तैयार किए जाने के बाद इनको अलग-अलग आकार दिए जाते हैं और फिर इनको प्राकृतिक रंगों के जरिए सजाया जाता है. खास बात ये है कि इन उत्पादों को तैयार करने और सजाने में किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है. जानकार कहते हैं कि गोबर से बने उत्पाद और सामग्री घर में नकारात्मकता को दूर करते हैं और वास्तु में सुधार करते हैं.

special products cow dung
गोबर से बनी घड़ी और शुभ लाभ (ETV Bharat)

पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का प्रयास

दरअसल, पर्यावरण संरक्षण के साथ महिला कल्याण के लिए काम करने वाली विचार सामाजिक संस्था द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है. इसमें शहर की गरीब तबके की करीब 750 महिलाओं को जोड़ा गया है. अध्यक्ष सुनीता जैन अरिहंत ने बताया, '' समिति से जुड़ी हर महिला आत्मनिर्भर होने के साथ सशक्त हो रही है. इन महिलाओं को संस्था द्वारा पहले प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर कच्चा माल उपलब्ध कराकर उनसे उत्पाद तैयार कराए जाते हैं.''

GOBAR PRODUCT ONLINE MARKET
देसी गोबर से बनी स्पेशल घड़ी (ETV Bharat)

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गोबर से बने प्रोडक्टों की विदेशों से भारी डिमांड

एक अनुमान के मुताबिक साल भर काम करने वाली महिला करीब 80 हजार से एक लाख रुपए तक की कमाई कर लेती है. इन महिलाओं ने इस साल की दीपावली के लिए गोबर से 11 लाख दीपक बनाए हैं. जिनकी मध्य प्रदेश के कई शहरों से काफी मांग आ रही है. इसके अलावा देश के दूसरे शहर हो और विदेश से भी गोबर से बने उत्पादों की डिमांड की जा रही है. इन उत्पादों में एक से बढ़कर एक खूबसूरत दीवार घड़ियां है, तो दीपावली के अवसर पर सजावट और पूजा के लिए तैयार किए जाने वाले दीपक श्री यंत्र मूर्तियां और स्वास्तिक और शुभ लाभ के प्रतीक भी बनाए गए हैं.

सागर: आपको अचरज होगा कि गोबर से सजावटी की ऐसी चीजें भी इन दिनों बन रही हैं, जिनकी डिमांड देश में होने के साथ-साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी हो रही है. खास बात यह है कि यह प्रोडक्ट सागर में गरीब तबके की महिलाएं बना रही हैं. जिनके जरिए उन्हें रोजगार हासिल हो रहा है और पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है. एक सामाजिक संस्था की पहल पर गोबर से दीवार घड़ी से लेकर मूर्तियां, शुभ-लाभ, दीप, श्री यंत्र, मालाएं जैसी चीजें बनाई जा रही हैं. इस बार इन महिलाओं ने करीब 5 हजार घड़ियां गोबर से तैयार की हैं और इनकी इतनी डिमांड है कि 4 हजार से ज्यादा घड़ियां बिक चुकी हैं. खास बात ये है कि सामाजिक संस्था द्वारा इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी व्यवस्था की गई है. ऐसे में देश के चुनिंदा शहरों और विदेश से भी उनकी मांग आ रही है.

विदेशी प्रोडक्ट पर देसी गोबर हावी (ETV Bharat)

कैसे तैयार होते हैं गोबर से उत्पाद?

गोबर से तैयार होने वाले उत्पादों में 70% गोबर और 30% मिट्टी का उपयोग किया जाता है. पहले इन्हें पाउडर की तरह बारीक दिया जाता है और फिर इनका मिश्रण तैयार किया जाता है. मिश्रण तैयार किए जाने के बाद इनको अलग-अलग आकार दिए जाते हैं और फिर इनको प्राकृतिक रंगों के जरिए सजाया जाता है. खास बात ये है कि इन उत्पादों को तैयार करने और सजाने में किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है. जानकार कहते हैं कि गोबर से बने उत्पाद और सामग्री घर में नकारात्मकता को दूर करते हैं और वास्तु में सुधार करते हैं.

special products cow dung
गोबर से बनी घड़ी और शुभ लाभ (ETV Bharat)

पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का प्रयास

दरअसल, पर्यावरण संरक्षण के साथ महिला कल्याण के लिए काम करने वाली विचार सामाजिक संस्था द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है. इसमें शहर की गरीब तबके की करीब 750 महिलाओं को जोड़ा गया है. अध्यक्ष सुनीता जैन अरिहंत ने बताया, '' समिति से जुड़ी हर महिला आत्मनिर्भर होने के साथ सशक्त हो रही है. इन महिलाओं को संस्था द्वारा पहले प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर कच्चा माल उपलब्ध कराकर उनसे उत्पाद तैयार कराए जाते हैं.''

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गोबर से बने प्रोडक्टों की विदेशों से भारी डिमांड

एक अनुमान के मुताबिक साल भर काम करने वाली महिला करीब 80 हजार से एक लाख रुपए तक की कमाई कर लेती है. इन महिलाओं ने इस साल की दीपावली के लिए गोबर से 11 लाख दीपक बनाए हैं. जिनकी मध्य प्रदेश के कई शहरों से काफी मांग आ रही है. इसके अलावा देश के दूसरे शहर हो और विदेश से भी गोबर से बने उत्पादों की डिमांड की जा रही है. इन उत्पादों में एक से बढ़कर एक खूबसूरत दीवार घड़ियां है, तो दीपावली के अवसर पर सजावट और पूजा के लिए तैयार किए जाने वाले दीपक श्री यंत्र मूर्तियां और स्वास्तिक और शुभ लाभ के प्रतीक भी बनाए गए हैं.

Last Updated : 1 hours ago
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