रांचीः स्वतंत्रता दिवस के बाद चंपाई सोरेन को लेकर सियासी तूफान शुरू हुआ. हफ्ता बीत चुका है लेकिन अब तक झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संगठन स्तर पर न कुछ कहा है और न ही कोई एक्शन लिया है. क्या झामुमो असमंजस में है या फिर संगठन चंपाई के किसी कदम के इंतजार में है.
चंपाई सोरेन पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई, इसको लेकर क्या कहते हैं झामुमो और कांग्रेस के नेता (ETV Bharat) झामुमो कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगा कोल्हान को जाए गलत मैसेज
झारखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि इस मामले को लेकर दोनों दुविधा में हैं. एक तरफ हेमंत सोरेन अंतिम समय तक पार्टी की ओर से कोई अनुशासनात्मक कदम उठाने से इसलिए परहेज कर रहे हैं क्योंकि चुनावी वर्ष में वह नहीं चाहते कि कोल्हान टाइगर के खिलाफ कोई कार्रवाई करें और उसका कोई निगेटिव परसेप्शन जनता पर पड़े.
झामुमो की रणनीति को बेहद नजदीक से जानने-समझने वाले एक वरिष्ठ नेता, नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं कि जितने दिन मंत्री रहते चंपाई सोरेन झामुमो और हेमंत सोरेन को कोसेंगे पार्टी को उतना ही लाभ होगा. झामुमो की रणनीति यही रहेगी कि इस बात को लेकर पार्टी जनता के सामने सही समय पर यही संदेश देने की कोशिश करेगी कि चंपाई सोरेन ने हेमंत सोरेन के भरोसे का क्या सिला दिया. जनता के बीच यह संदेश दिया जाए कि कैसे उन्होंने संकट के समय में हेमंत ने अपने 30 विधायकों में से सिर्फ एक कोल्हान टाइगर चंपाई सोरेन पर भरोसा किया और बदले में उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन और संगठन को क्या दिया.
चंपाई सोरेन को लेकर दुविधा में झामुमो!
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि हम लोग चंपाई दा के आगे के रुख का इंतजार कर रहे हैं. एक तरफ वह कह रहे हैं कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे झामुमो को नुकसान हो और आगे यह भी कहते हैं कि वह अपनी पार्टी बनाएंगे. ऐसे में झामुमो की रणनीति उनके अगले कदम पर नजर बनाये रखने की है. वह आज भी झामुमो के विधायक और सरकार में मंत्री हैं.
झामुमो केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि चंपाई सोरेन जो भी फैसला भविष्य में करें उसका कोई प्रभाव झामुमो के सेहत पर नहीं पड़ेगा. हेमंत सोरेन झारखंड के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं. इतिहास गवाह है कि पार्टी से अलग जाकर रास्ता तलाशने वाला नेता राजनीति के महासागर में विलीन हो जाता है. भाजपा देश तोड़ने और घर तोड़ने वाली पार्टी है और लोग हमेशा इसी कोशिश में लगे रहते हैं, चंपाई सोरेन प्रकरण में भी पर्दे के पीछे से भाजपा ही है.
कैबिनेट की बैठक को लेकर झामुमो नेता से पूछे गये सवाल पर पार्टी नेता मनोज पांडेय ने कहा कि अगले गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में चंपाई शामिल होंगे या नहीं? इसका फैसला चंपाई दा को ही करना है. यह सही है कि उनके झामुमो में अभिभावक की भूमिका, उनके राजनीतिक कद की वजह से पार्टी दुविधा में जरूर है.
दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वह नई पार्टी बनाएंगे. इसके अलावा कोई सहयोगी मिले तो साथ हो लेने की बात भी सरायकेला में चंपाई सोरेन ने अपने समर्थकों के बीच कह दी है. ऐसे में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहयोगी कांग्रेस ने चंपाई सोरेन को नैतिकता की दुहाई देकर पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी या हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलने की सलाह तक दे दी है. वहीं कांग्रेस के बयान पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इसका जवाब चंपाई सोरेन ही दे सकते हैं. हम लोग उनके आगे के कदम का इंतजार कर रहे हैं तो चंपाई का पक्ष लेते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस को नैतिकता पर बोलने का हक नहीं है.
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