पाकुड़: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की बातों से असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा सहमत नहीं है. गुरुवार को हिमंता झारखंड के पाकुड़ दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनाने से डेमोग्राफी चेंज का हल नहीं निकलेगा.
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित राज्य बनाने से समस्या का हल नहीं होगा. हमें पहले बांग्लादेशी घुसपैठिए को बाहर भगाना है. झारखंड की डेमोग्राफी चेंज करने से बचाना है, क्योंकि बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा साजिश के तहत आदिवासियों के अस्मिता पर हमला हो रहा है. सीएम ने कहा कि आज 65 बनाम 35 की स्थिति झारखंड में उत्पन्न हो गयी है. उन्होंने कहा कि समय रहते यदि बंगलादेशी घुसपैठ के मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में इसके परिणाम गंभीर होंगे.
उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासियों के सम्मान, संस्कृति और भूमि का मुद्दा है न कि केंद्र शासित राज्य बनाने का. असम के सीएम ने कहा कि हेमंत सोरेन को बिरसा मुंडा की लड़ाई से सीख लेनी चाहिए. उन्होने कहा की बंगलादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव का मुद्दा चुनावी नही है बल्कि ये गंभीर मामला है जिसपर कार्यवाई करने की जरुरत है.
बता दें कि बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने अभी हाल ही में लोकसभा में यह मांग की थी कि पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के कुछ जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाय. उनका कहना था कि संथाल में तेजी से बांग्लादेशी घुसपैठिए बसते जा रहे हैें और आदिवासियों को मारकर भगा रहे हैं, ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश बनाकर और एनआरसी लागू कर इसे बचाया जा सकता है.
इससे पहले हिमंता बिस्वा सरमा कुमार कालिदास मेमोरियल कॉलेज स्थित आदिवासी बालक कल्याण छात्रावास पहुंचे और घायल छात्रों से बातचीत की थी. उन्होने छात्रों से घटना की जानकारी विस्तार से ली और उन्हें निर्भिक होकर पढ़ाई करने की बात कही. मौके पर सीएम ने मीडिया कर्मियों से कहा कि झारखंड में यूथ का हीरो हेमंत सोरेन है और आज उन्हीं के मुख्यमंत्री रहते छात्रों पर लाठीचार्ज करना यह आश्चर्य की बात है.