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हिमाचल में पर्ची डालकर चुना जाएगा राज्यसभा सांसद ?, बन रहे दिलचस्प समीकरण - Election Rules

Himachal Rajya Sabha Election: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद नतीजों से पहले दिलचस्प समीकरण बन रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. अगर ऐसा है तो दोनों उम्मीदवारों को बराबर वोट भी मिल सकते हैं और मुकाबला टाई हो सकता है. ऐसे में जीत का फैसला कैसे होगा ?

किसकी लगेगी लॉटरी ?
किसकी लगेगी लॉटरी ?

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 3:59 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के मतदान के बाद नतीजों का इंतजार है लेकिन वोटिंग और काउंटिंग के बीच बहुत ही दिलचस्प सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है और इनमें कांग्रेस के साथ-साथ निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. अगर ऐसा हुआ तो हिमाचल से राज्यसभा सांसद का चुनाव ड्रॉ हो जाएगा और फिर एक अनोखे ढंग से विनिंग कैंडिडेट चुना जाएगा.

क्या है समीकरण ?

मौजूदा समय में हिमाचल विधानसभा के कुल 68 में से 40 विधायक कांग्रेस के हैं. जबकि बीजेपी के 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की बजाय बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया है.

विधानसभा में किसके कितने विधायक

ऐसे में अगर तीनों निर्दलीयों समेत या कुल 9 विधायकों ने बगावती तेवर अपनाए हैं तो मुकाबला ड्रॉ हो जाएगा. क्योंकि बीजेपी के 25 विधायकों के वोट और 9 क्रॉस वोट मिलाकर कुल 34 वोट बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को मिलेंगे. लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार को भी 34 वोट ही मिलेंगे. जबकि हिमाचल में एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहा है और जीत के लिए उम्मीदवार के पक्ष में 35 विधायकों के वोट पड़ने चाहिए. ऐसी स्थिति में कांग्रेस और बीजेपी विधायकों के पक्ष में 34-34 वोट पड़ेंगे और इस तरह राज्यसभा का मैच टाई हो जाएगा.

हिमाचल में राज्यसभा चुनाव का गणित

फिर कैसे होगा फैसला ?

हिमाचल के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग के अनुसार मतों की संख्या बराबर होने पर 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. अगर हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट पड़ते हैं तो फिर 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसमें दोनों उम्मीदवारों की सहमति ली जाएगी. जिसके बाद दोनों उम्मीदवारों के नाम की पर्ची डाली जाएगी और जिस उम्मीदवार की पर्ची निकलेगी उसे जीता हुआ मान लिया जाएगा. मनीष गर्ग के मुताबिक चुनावी प्रक्रिया की रूल बुक के मुताबिक बराबर वोट पड़ने पर 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

अभिषेक मनु सिंघवी और हर्ष महाजन

राज्यसभा चुनाव के ऐलान के वक्त करीब एक महीने पहले हिमाचल प्रदेश की ये सीट सीधे-सीधे कांग्रेस की झोली में जाती दिख रही थी लेकिन बीजेपी ने नामांकन के आखिरी दिन अपना उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया और तय कर दिया कि हिमाचल में वोटिंग से ही राज्यसभा सांसद का फैसला होगा. लेकिन मतदान के दिन क्रॉस वोटिंग की खबरों के बाद हिमाचल का राज्यसभा चुनाव बड़े सियासी ड्रामे में बदल गया है और ऐसे समीकरण भी बन रहे हैं कि किस्मत के सहारे ही कोई उम्मीदवार राज्यसभा पहुंचेगा.

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