सिवान : दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाबनिर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. तीन बार चुनाव हारने के बाद चौथी बार वह भाग्य आजमा रहे हैं. इस बार वह राष्ट्रीय जनता दल के बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. सभी वर्गों के समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी हैं. चर्चा है कि हिना शहाब को एनडीए से भी परहेज नहीं है और जीतने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन खेमे में जा सकती हैं.
निर्दलीय उम्मीदवार हैं हिना शहाब: आपको बता दें कि इस बार हिना शहाब ने रणनीति में बदलाव किया है और किसी भी डाल के टिकट पर नहीं लड़ने का फैसला लिया है. सिवान सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ओम प्रकाश यादव जी चुनाव जीत चुके हैं. इस बार हिना शहाब भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतना चाहती हैं.
लेफ्ट के गढ़ को भेदा : सिवान लोकसभा सीट लेफ्ट का मजबूत किला माना जाता था, लेकिन बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने इस मिथक को तोड़ा और रॉबिन हुड छवि के बदौलत सिवान के अंदर समानांतर सरकार चलाई. 1996 से 2000 के बीच मोहम्मद शहाबुद्दीन चार बार लोकसभा के लिए चुने गए. इससे पहले जीरादेई से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधायक भी बने थे.
शिकस्त से मिली सीख : मोहम्मद शहाबुद्दीन की सियासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनकी पत्नी हिना शहाब के कंधों पर थी. राष्ट्रीय जनता दल ने दो बार टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गई. साल 2009, साल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में हिना शहाब चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें शिकस्त मिली. मोहम्मद शहाबुद्दीन के मौत के बाद यह पहला मौका होगा. जब उनकी पत्नी ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में होंगी. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार भी कोई खास असर नहीं दिखेगा क्योंकि अभी भी सिवान में वाम दल जिंदा है.