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पूर्वांचल के लोगों ने दिल्ली में 'खेला' कर दिया, पूरा समीकरण ही बदल गया, पढ़ें इनसाइड स्टोरी - DELHI ELECTION RESULT 2025

आज हर ओर सिर्फ दिल्ली विधानसभा को लेकर चर्चा हो रही है. आइये हम आपको इस कहानी के मुख्य आकर्षण से रू-ब-रू करवाते हैं.

DELHI ELECTION RESULT 2025
दिल्ली में 'पूर्वांचल' ने केजरीवाल को हरा दिया! (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 8, 2025, 8:52 PM IST

पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का 27 वर्षों का राजनीतिक वनवास खत्म हुआ है. 2025 विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है. पिछले 12 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर एकछत्र राज करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी 'आप' को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के पीछे 'P' यानी पूर्वांचल फैक्टर का बड़ा योगदान रहा.

इन पूर्वांचल के बीजेपी उम्मीदवारों की हुई जीत : अब आपको बताते हैं कि बीजेपी के कितने पूर्वांचल उम्मीदवारों को जीत मिली है. संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी को 344 वोटों से जीत हासिल हुई है. मालवीय नगर से सतीश उपाध्याय 2131वोटों से विजयी हुए हैं. करावल नगर से कपिल मिश्रा 23355 वोटों से जीते हैं. लक्ष्मी नगर से बीजेपी से अभय वर्मा ने 11542 वोटों से जीत हासिल की है. विकासपुरी से बीजेपी के प्रत्याशी डॉक्टर पंकज सिंह 12876 वोटों से जीते हैं.

''मैं गर्व से कहता था मैं तो पूर्वांचल से सांसद हूं, ये पूर्वांचल से मेरा अपनेपन का रिश्ता है. पूर्वांचल के लोगों ने प्यार दिया, विश्वास दिया, नई ऊर्जा दी, नई ताकत दी. इसलिए, पूर्वांचल के सांसद के रूप में, मैं पूर्वांचल के लोगों को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं.''- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

आप को लगा बड़ा झटका : अब बात आम आदमी पार्टी की करते हैं. पूर्वांचल उम्मीदवारों में बुराड़ी से संजीव झा की 20601 वोटों से जीत हुई है. किरारी से अनिल झा 21871 वोटों से विजयी हुए हैं. बाबरपुर से गोपाल राय 18994 वोटों से जीते हैं. मतलब पूर्वांचल के लोगों ने आप से ज्यादा बीजेपी पर भरोसा जताया है.

''दिल्ली की जीत बीजेपी के लिए बड़ी जीत है. इसके लिए मैं तमाम लोगों को बधाई देता हूं. पूर्वांचल के लोगों ने जमकर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया. तमाम मतदाताओं को भी इसके लिए साधुवाद. दिल्ली की जनता ने मोदी के नाम पर मुहर लगाई है.''- सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान (Etv Bharat)

20 विधानसभा सीट पर प्रभाव : दरअसल, दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीट हैं. इन 70 सीटों में करीब 20 सीटों पर पूर्वांचल के मतदाताओं का प्रभाव है. इन 20 सीटों पर प्रत्याशियों के जीत हार की चाभी पूर्वांचल के मतदाताओं के हाथ में है. यही कारण रहा है कि पूर्वांचल बहुल सीटों पर शुरू से ही सभी राजनीतिक दल यहीं के प्रत्याशियों पर अपना दांव लगाते रहे हैं.

किन सीटों पर है प्रभाव : दिल्ली विधानसभा की अनेक ऐसी सीट हैं जिन पर पूर्वांचल के लोग वहां की राजनीति को प्रभावित करते हैं. बुराड़ी, बदली, किराड़ी, नागलोई, मॉडल टाउन, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला, पालम, राजेंद्र नगर, देवली, संगम बिहार बदरपुर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी गोकुलपुर और करावल नगर वह विधानसभा की सीटे हैं, जहां पर पूर्वांचल के लोग राजनीतिक दलों के जीत हार का फैसला करते हैं.

दिल्ली में पूर्वांचल फैक्टर : दिल्ली की चुनावी राजनीति में 'P' यानी पूर्वांचल का फैक्टर बहुत ही महत्वपूर्ण है. पूर्वांचल के वोटरों में बिहार, उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे हुए कई जिलों के वोटर एवं झारखंड के लोगों का बड़ा समूह दिल्ली की सियासत को प्रभावित करता है. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली की आबादी में पूर्वांचल वोटरों की आबादी 43 लाख से ज्यादा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब 25 प्रतिशत से ज्यादा वोटर पूर्वांचल के लोगों का है. जो वहां की राजनीति को शुरू से प्रभावित करता रहा है.

विधानसभा में पूर्वांचल वोटर बना मुद्दा : 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्वांचल वोटरों को साधने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचल के वोटरों को लेकर दिए गए बयान को अपना मुद्दा बनाया. अरविंद केजरीवाल के 5 लाख के फ्री इलाज करवाने के पुराने बयान एवं यूपी और बिहार के लोगों को फर्जी वोटर वाले बयान को मुद्दा बनाया. बीजेपी के लोग अरविंद केजरीवाल के बयान को पूरे पूर्वांचल के लोगों का अपमान बताया था.

''लगातार पूर्वांचल के समाज को अपमानित करने का काम केजरीवाल सरकार ने किया. खुद केजरीवाल ने ऐसे बयान दिए जिससे पूर्वांचल की जो अस्मिता थी उसको ठेस पहुंची. पूर्वांचलियों ने उसका पूरा बदल लिया है. पूर्वांचल समाज के लोगों ने पूरी तरह से एकजुट होकर भाजपा का साथ दिया है. यही कारण है कि दिल्ली में बदलाव देखने को मिला है.''- दानिश इकबाल, प्रवक्ता, भाजपा

पूर्वांचल का राजनीतिक प्रभाव : दिल्ली की सियासत में शुरू से ही पूर्वांचल के नेताओं का प्रभाव देखने को मिलता रहा है. 1993 में लाल बिहारी तिवारी, कीर्ति आजाद एवं परवेज हाशमी विधायक बने थे. 1998 के विधानसभा चुनाव में भी प्रवेश हाशमी, मीरा भारद्वाज और महाबल मिश्र चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. 2009 लोकसभा चुनाव में महाबल मिश्र पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा पहुंचे थे. 2014 से 2024 लोकसभा चुनाव तक तीन बार मनोज तिवारी बीजेपी से संसद का चुनाव जीत चुके हैं. 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 12 पूर्वांचल के प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी. वहीं 2020 में 9 पूर्वांचल के विधायक जीतकर सदन पहुंचे थे.

बीजेपी-आरजेडी के प्रवक्ता और वरिष्ठ पत्रकार की राय (Etv Bharat)

RJD की आप को नसीहत : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देने वाली लालू प्रसाद की पार्टी राजद भी अब पूर्वांचल के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को नसीहत दे रही है. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव परिणाम जिस रूप में आया है वह स्वीकार करना पड़ेगा.

''इस देश में संवैधानिक संस्थाएं, चुनाव आयोग की भूमिकाएं, रोल ऑफ डिफरेंट प्लेटफार्म डिजिटल प्लेटफॉर्म सब जिस तरह से आता है. तो इन परिस्थितियों में सजग और बहुत ही संयम के साथ चुनाव लड़ने की आवश्यकता है. राजनीतिक दल के नेता के द्वारा दिया गया एक बयान कभी-कभी भारी पड़ जाता है.''- शक्ति सिंह यादव, मुख्य प्रवक्ता, राजद

'पूर्वांचल का दबदबा कायम' : बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है दिल्ली विधानसभा के पहले से भी कहा जा रहा था कि जहां पूर्वांचल वोटरों का प्रभाव है वहां कुछ ना कुछ 'खेला' होगा. पूर्वांचल वोटरों को लेकर कोरोना के समय में केजरीवाल ने बयान दिया था कि थोड़े से पैसे में आते हैं और 5 लाख का इलाज करवा कर चले जाते हैं. इस बार भी उन्होंने पूर्वांचल के वोटरों को फर्जी करार दिया था. कुल मिलाकर लोगों के अंदर एक नाराजगी थी उसका परिणाम दिखा है.

''पूर्वांचल वोटर के साथ जिस तरीके का ट्रीटमेंट केजरीवाल और उनकी पार्टी कर रही थी, हालांकि बाद में मनाने का प्रयास भी किया गया लेकिन तब तक बात बिगड़ चुकी थी. उसका परिणाम सामने है. दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि पूर्वांचल के वोटरों का दबदबा किस तरीके से कायम है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

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पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का 27 वर्षों का राजनीतिक वनवास खत्म हुआ है. 2025 विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है. पिछले 12 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर एकछत्र राज करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी 'आप' को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के पीछे 'P' यानी पूर्वांचल फैक्टर का बड़ा योगदान रहा.

इन पूर्वांचल के बीजेपी उम्मीदवारों की हुई जीत : अब आपको बताते हैं कि बीजेपी के कितने पूर्वांचल उम्मीदवारों को जीत मिली है. संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी को 344 वोटों से जीत हासिल हुई है. मालवीय नगर से सतीश उपाध्याय 2131वोटों से विजयी हुए हैं. करावल नगर से कपिल मिश्रा 23355 वोटों से जीते हैं. लक्ष्मी नगर से बीजेपी से अभय वर्मा ने 11542 वोटों से जीत हासिल की है. विकासपुरी से बीजेपी के प्रत्याशी डॉक्टर पंकज सिंह 12876 वोटों से जीते हैं.

''मैं गर्व से कहता था मैं तो पूर्वांचल से सांसद हूं, ये पूर्वांचल से मेरा अपनेपन का रिश्ता है. पूर्वांचल के लोगों ने प्यार दिया, विश्वास दिया, नई ऊर्जा दी, नई ताकत दी. इसलिए, पूर्वांचल के सांसद के रूप में, मैं पूर्वांचल के लोगों को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं.''- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

आप को लगा बड़ा झटका : अब बात आम आदमी पार्टी की करते हैं. पूर्वांचल उम्मीदवारों में बुराड़ी से संजीव झा की 20601 वोटों से जीत हुई है. किरारी से अनिल झा 21871 वोटों से विजयी हुए हैं. बाबरपुर से गोपाल राय 18994 वोटों से जीते हैं. मतलब पूर्वांचल के लोगों ने आप से ज्यादा बीजेपी पर भरोसा जताया है.

''दिल्ली की जीत बीजेपी के लिए बड़ी जीत है. इसके लिए मैं तमाम लोगों को बधाई देता हूं. पूर्वांचल के लोगों ने जमकर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया. तमाम मतदाताओं को भी इसके लिए साधुवाद. दिल्ली की जनता ने मोदी के नाम पर मुहर लगाई है.''- सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान (Etv Bharat)

20 विधानसभा सीट पर प्रभाव : दरअसल, दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीट हैं. इन 70 सीटों में करीब 20 सीटों पर पूर्वांचल के मतदाताओं का प्रभाव है. इन 20 सीटों पर प्रत्याशियों के जीत हार की चाभी पूर्वांचल के मतदाताओं के हाथ में है. यही कारण रहा है कि पूर्वांचल बहुल सीटों पर शुरू से ही सभी राजनीतिक दल यहीं के प्रत्याशियों पर अपना दांव लगाते रहे हैं.

किन सीटों पर है प्रभाव : दिल्ली विधानसभा की अनेक ऐसी सीट हैं जिन पर पूर्वांचल के लोग वहां की राजनीति को प्रभावित करते हैं. बुराड़ी, बदली, किराड़ी, नागलोई, मॉडल टाउन, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला, पालम, राजेंद्र नगर, देवली, संगम बिहार बदरपुर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, सीमापुरी गोकुलपुर और करावल नगर वह विधानसभा की सीटे हैं, जहां पर पूर्वांचल के लोग राजनीतिक दलों के जीत हार का फैसला करते हैं.

दिल्ली में पूर्वांचल फैक्टर : दिल्ली की चुनावी राजनीति में 'P' यानी पूर्वांचल का फैक्टर बहुत ही महत्वपूर्ण है. पूर्वांचल के वोटरों में बिहार, उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे हुए कई जिलों के वोटर एवं झारखंड के लोगों का बड़ा समूह दिल्ली की सियासत को प्रभावित करता है. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली की आबादी में पूर्वांचल वोटरों की आबादी 43 लाख से ज्यादा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब 25 प्रतिशत से ज्यादा वोटर पूर्वांचल के लोगों का है. जो वहां की राजनीति को शुरू से प्रभावित करता रहा है.

विधानसभा में पूर्वांचल वोटर बना मुद्दा : 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्वांचल वोटरों को साधने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचल के वोटरों को लेकर दिए गए बयान को अपना मुद्दा बनाया. अरविंद केजरीवाल के 5 लाख के फ्री इलाज करवाने के पुराने बयान एवं यूपी और बिहार के लोगों को फर्जी वोटर वाले बयान को मुद्दा बनाया. बीजेपी के लोग अरविंद केजरीवाल के बयान को पूरे पूर्वांचल के लोगों का अपमान बताया था.

''लगातार पूर्वांचल के समाज को अपमानित करने का काम केजरीवाल सरकार ने किया. खुद केजरीवाल ने ऐसे बयान दिए जिससे पूर्वांचल की जो अस्मिता थी उसको ठेस पहुंची. पूर्वांचलियों ने उसका पूरा बदल लिया है. पूर्वांचल समाज के लोगों ने पूरी तरह से एकजुट होकर भाजपा का साथ दिया है. यही कारण है कि दिल्ली में बदलाव देखने को मिला है.''- दानिश इकबाल, प्रवक्ता, भाजपा

पूर्वांचल का राजनीतिक प्रभाव : दिल्ली की सियासत में शुरू से ही पूर्वांचल के नेताओं का प्रभाव देखने को मिलता रहा है. 1993 में लाल बिहारी तिवारी, कीर्ति आजाद एवं परवेज हाशमी विधायक बने थे. 1998 के विधानसभा चुनाव में भी प्रवेश हाशमी, मीरा भारद्वाज और महाबल मिश्र चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. 2009 लोकसभा चुनाव में महाबल मिश्र पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा पहुंचे थे. 2014 से 2024 लोकसभा चुनाव तक तीन बार मनोज तिवारी बीजेपी से संसद का चुनाव जीत चुके हैं. 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 12 पूर्वांचल के प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी. वहीं 2020 में 9 पूर्वांचल के विधायक जीतकर सदन पहुंचे थे.

बीजेपी-आरजेडी के प्रवक्ता और वरिष्ठ पत्रकार की राय (Etv Bharat)

RJD की आप को नसीहत : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देने वाली लालू प्रसाद की पार्टी राजद भी अब पूर्वांचल के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को नसीहत दे रही है. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव परिणाम जिस रूप में आया है वह स्वीकार करना पड़ेगा.

''इस देश में संवैधानिक संस्थाएं, चुनाव आयोग की भूमिकाएं, रोल ऑफ डिफरेंट प्लेटफार्म डिजिटल प्लेटफॉर्म सब जिस तरह से आता है. तो इन परिस्थितियों में सजग और बहुत ही संयम के साथ चुनाव लड़ने की आवश्यकता है. राजनीतिक दल के नेता के द्वारा दिया गया एक बयान कभी-कभी भारी पड़ जाता है.''- शक्ति सिंह यादव, मुख्य प्रवक्ता, राजद

'पूर्वांचल का दबदबा कायम' : बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है दिल्ली विधानसभा के पहले से भी कहा जा रहा था कि जहां पूर्वांचल वोटरों का प्रभाव है वहां कुछ ना कुछ 'खेला' होगा. पूर्वांचल वोटरों को लेकर कोरोना के समय में केजरीवाल ने बयान दिया था कि थोड़े से पैसे में आते हैं और 5 लाख का इलाज करवा कर चले जाते हैं. इस बार भी उन्होंने पूर्वांचल के वोटरों को फर्जी करार दिया था. कुल मिलाकर लोगों के अंदर एक नाराजगी थी उसका परिणाम दिखा है.

''पूर्वांचल वोटर के साथ जिस तरीके का ट्रीटमेंट केजरीवाल और उनकी पार्टी कर रही थी, हालांकि बाद में मनाने का प्रयास भी किया गया लेकिन तब तक बात बिगड़ चुकी थी. उसका परिणाम सामने है. दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि पूर्वांचल के वोटरों का दबदबा किस तरीके से कायम है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

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