चंडीगढ़:हरियाणा में सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. ये बैठक 15 मई को होगी. सरकार के अल्पमत में होने के विपक्ष के दावे और फ्लोर टेस्ट की मांग के बीच ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है. अब तक सभी विपक्षी दल और चार निर्दलीय विधायक सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग के लिए राज्यपाल को खत लिख चुके हैं.
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के कैबिनेट की इस बैठक में विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत, जेजेपी, इनेलो और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने भी सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग की है. इसी सिलसिले में 10 मई को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने गया था लेकिन उनके बाहर होने से ये मुलाकात नहीं हो पाई.
विधानसभा का सत्र बुला सकती है सरकार
एक चर्चा ये भी है कि बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि अल्पमत में होने के विपक्ष के दावों को खारिज किए बिना लोकसभा चुनाव का सामना किया जाए. क्योंकि इसकी वजह से लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ माहौल बन सकता है. इसी वजह से माना जा रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाकर सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने पर विचार कर सकती है.
बीजेपी का दावा- सरकार को कोई खतरा नहीं
बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है. शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि विपक्ष अपनी गणित सुधार ले, सरकार के पास पूरे आंकड़े हैं. जेजेपी के कुछ विधायक भी बीजेपी के साथ बताये जा रहे हैं. हलांकि 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी से सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. बहुमत परीक्षण में सरकार तभी सफल हो सकती है जब उसे दूसरी पार्टी से आये विधायकों का समर्थन मिल सके.