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डॉ भीमराव अंबेडकर के मुद्दे पर चंडीगढ़ नगर निगम में जोरदार हंगामा, पार्षदों के बीच हाथापाई - RUKS IN CHANDIGARH NAGAR NIGAM

डॉ भीमराव अंबेडकर के मुद्दे पर देश भर में जारी विवाद चंडीगढ़ नगर निगम पहुंच गया. इस पर भाजपा और कांग्रेस पाषर्द भिड़ गये.

NAGAR NIGAM HUNGAMA
चंडीगढ़ नगर निगम में हंगाम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 14 hours ago

Updated : 12 hours ago

चंडीगढ़ः नगर निगम चंडीगढ़ की आम सभा की बैठक के दौरान मंगलवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर के विषय पर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच हाथापाई हो गई. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर नेहरू के समय में डॉ. भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने का आरोप लगाया.

अनिल मसीह पर भी हुआ हंगामः नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह के मुद्दे पर भी आम सभा की बैठक के दौरान जमकर हंगाम हुआ. कांग्रेस और आप पार्षदों ने अनिल मसीह को वोट चोर कहना शुरू कर दिया. इसपर हंगामा और बढ़ गया. मामला इतना बढ़ गया कि पार्षदों के बीच हाथापाईं प्रारंभ हो गया. इस पर अनिल मसीह भी वेल में पहुंच गये और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी भी जमानत पर हैं.

आपको बता दें कि जनवरी में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान अनिल मसीह निर्वाचन पदाधिकारी थे. उन पर वोटों का हेरफेर करने का आरोप लगा था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार मेयर चुने गये.

डीगढ़ नगर निगम में हंगामा (etv Bharat)

सदन में जो कुछ हुआ बहुत ही गलत है. सदन में जो भी पार्षद चुनकर आये हैं, उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. जिस व्यक्ति ने मेयर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है, वह व्यक्ति मिट्टी चोरी का आरोप लगा रहा है. हमने या किसी पदाधिकारी ने मिट्टी चोरी थोड़े किया है. बच्चों के खेलने का मैदान बनाया गया है, उसके लिए मिट्टी मंगई गई थी. उस पर भी उन्होंने हाथापाई स्टार्ट कर दी. कहीं न कहीं ये बीजेपी की नाकामी है. जब इन से सच बर्दास्त नहीं होता है तो ये लड़ने के लिए चले आते हैं. -कुलदीप कुमार, मेयर

निगम में पैसा नहीं होने का आरोप गलतः मेयर कुलदीप कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2015 तक 500 करोड़ की एफडी थी. 2016 से 2023 तक इनक मेयर रहता है. उस बीच वो एफडी भी समाप्त हो जाता है और 200 करोड़ का घाटा भी आता है. एका-एक 200 करोड़ का घाटा नहीं हो सकता है. कहीं न कहीं इन लोगों ने गलत भर्तियां या कुछ और किया है. हम लोग मेयर नहीं बन पाते तो ये मामल भी पता नहीं चलता. ये लोग नीपापोती में लगे हैं. क्योंकि सेंटर तक इनकी सरकार है. ये तो इनकी बदकिस्मती है कि इस बार कांग्रेस और आप गठबंधन का मेयर है. इस कारण उनकी सब पोल खुल गई. पैसा नहीं होने का मामला कहना गलत होगा. हमें ग्रांट मिल रहे हैं. हम लगातार अपने रेवन्यू बढ़ाने का काम कर रहे हैं. अब उनमें खई मुद्दों पर चर्चा होनी थी. आज की बैठक में ज्यादातर मामले नगर निगम के बढ़ाने से संबंधित थे-

आज जो सदन में हुआ वह बहुत ही गलत था. भाजपा जो नगर निगम चुनाव हार चुकी थी, आज तक उस हार को सहन नहीं कर पाई है. इस लिए वो हर सदन की मीटिंग में हंगाम करने की कोशिश करते हैं. बेकार से बेकार मुद्दे को उठाकर लोक हित के मुद्दे को रोकने का काम करते हैं.-एच एस लकी, अध्यक्ष, चंडीगढ़ कांग्रेस

लोकतंत्र की हत्या करने वालों के साथ भाजपा के पार्षद खड़े न होंः चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लकी ने कहा कि आज भी पहले एजेंडे पर चर्चा करने का लक्ष्य था. लेकिन जैसे ही सदन प्रारंभ हुआ, उन्होंने उलजुलूल आरोप मेयर पर लगाना प्रारंभ कर दिया. जबकि आज चंडीगढ़ असली मुद्दा मुद्दा बिजली का निजीकरण का है, जिसके अंदर चंडीगढ़ में दूसरा अडानी लाने की कोशिश की जा रही है. जब इस मुद्दे को हमारे साथियों ने उठाया तो इनको तकलीफ हो गई. खासक इनके जो मनोनीत पार्षद अनिल मसीह, जिन्होंने देश-विदेश में चंडीगढ़ का नाम बदनाम करने का काम किया था. उन्होंने मेयर चुनाव के दौरान वोटों की हेराफेरी की थी. आज वो उल-जलुल बोल रहे थे. गंदी शब्दावली का प्रयोग कर रहे थे. लोगों के साथ हाथापाई कर रहे थे. उन्होंने सारा माहौल खराब किया. मुझे तो हैरानी इस बात की है, भाजपा के पार्षद उनको बचाने और उनके समर्थन में खड़े हो गये. जबकि उनको ऐसा नहीं करना चाहिए. जबकि सबको पता है उन्होंने कैसा काम किया था. उस समय हमें कहा गया था कि उनके बारे में कोई बात नहीं किया जाए. उस समय कहा गया था कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं था. या वे बहुत ज्यादा डिप्रेस्ड थे. आज जब उनको मेयर के दफ्तर के बाहर देखा तो उनको कोई शर्मिंदगी नहीं है. उनको कोई एहसास नहीं है. जिस तरह से वे आज सवाल उठा रहे थे. मैं उनकी निंदा करता हूं. साथ भाजपा के पार्षदों को ताकीद करता हूं कि ऐसे आदमी के साथ खड़े न दिखाई दें, जिन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है. लोकतंत्र को शर्मशार किया है.

भाजपा ने मेयर पर लगाया आरोप (Etv Bharat)

मैंने कोई पोस्टर खींचा नहीं. बीच में किसी ने किया हो तो मुझे पता नहीं. अगर कोई जानबूझकर गाली गलोज करेगा तो लोगों को भी ऐसा करना पड़ेगा न. मेरे साथ किसी की हाथापाई नहीं हुई है. ज्यादा लोग थे. ज्यादा पार्षद थे, भीड़ भाड़ में थोड़ा बहुत हो जाता है. अभी जो सीट पर मेयर हैं, पहले पाषर्द थे तो हर बार डंपिग ग्राउंड का मामला उठाते थे. बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. स्किन से संबंधित समस्याएं हो रही हैं. बच्चों की शादी नहीं पा रही है. जब से मेयर बने हैं तब से उन्होंने एक बार भी नहीं देखा है कि मेरा डंपिंग ग्राउंड छोटा हो रहा है या बड़ा हो रहा. -कंवर राणा, भाजपा पार्षद

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अनिल मसीह पर भी हुआ हंगामः नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह के मुद्दे पर भी आम सभा की बैठक के दौरान जमकर हंगाम हुआ. कांग्रेस और आप पार्षदों ने अनिल मसीह को वोट चोर कहना शुरू कर दिया. इसपर हंगामा और बढ़ गया. मामला इतना बढ़ गया कि पार्षदों के बीच हाथापाईं प्रारंभ हो गया. इस पर अनिल मसीह भी वेल में पहुंच गये और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी भी जमानत पर हैं.

आपको बता दें कि जनवरी में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान अनिल मसीह निर्वाचन पदाधिकारी थे. उन पर वोटों का हेरफेर करने का आरोप लगा था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार मेयर चुने गये.

डीगढ़ नगर निगम में हंगामा (etv Bharat)

सदन में जो कुछ हुआ बहुत ही गलत है. सदन में जो भी पार्षद चुनकर आये हैं, उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. जिस व्यक्ति ने मेयर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है, वह व्यक्ति मिट्टी चोरी का आरोप लगा रहा है. हमने या किसी पदाधिकारी ने मिट्टी चोरी थोड़े किया है. बच्चों के खेलने का मैदान बनाया गया है, उसके लिए मिट्टी मंगई गई थी. उस पर भी उन्होंने हाथापाई स्टार्ट कर दी. कहीं न कहीं ये बीजेपी की नाकामी है. जब इन से सच बर्दास्त नहीं होता है तो ये लड़ने के लिए चले आते हैं. -कुलदीप कुमार, मेयर

निगम में पैसा नहीं होने का आरोप गलतः मेयर कुलदीप कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2015 तक 500 करोड़ की एफडी थी. 2016 से 2023 तक इनक मेयर रहता है. उस बीच वो एफडी भी समाप्त हो जाता है और 200 करोड़ का घाटा भी आता है. एका-एक 200 करोड़ का घाटा नहीं हो सकता है. कहीं न कहीं इन लोगों ने गलत भर्तियां या कुछ और किया है. हम लोग मेयर नहीं बन पाते तो ये मामल भी पता नहीं चलता. ये लोग नीपापोती में लगे हैं. क्योंकि सेंटर तक इनकी सरकार है. ये तो इनकी बदकिस्मती है कि इस बार कांग्रेस और आप गठबंधन का मेयर है. इस कारण उनकी सब पोल खुल गई. पैसा नहीं होने का मामला कहना गलत होगा. हमें ग्रांट मिल रहे हैं. हम लगातार अपने रेवन्यू बढ़ाने का काम कर रहे हैं. अब उनमें खई मुद्दों पर चर्चा होनी थी. आज की बैठक में ज्यादातर मामले नगर निगम के बढ़ाने से संबंधित थे-

आज जो सदन में हुआ वह बहुत ही गलत था. भाजपा जो नगर निगम चुनाव हार चुकी थी, आज तक उस हार को सहन नहीं कर पाई है. इस लिए वो हर सदन की मीटिंग में हंगाम करने की कोशिश करते हैं. बेकार से बेकार मुद्दे को उठाकर लोक हित के मुद्दे को रोकने का काम करते हैं.-एच एस लकी, अध्यक्ष, चंडीगढ़ कांग्रेस

लोकतंत्र की हत्या करने वालों के साथ भाजपा के पार्षद खड़े न होंः चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लकी ने कहा कि आज भी पहले एजेंडे पर चर्चा करने का लक्ष्य था. लेकिन जैसे ही सदन प्रारंभ हुआ, उन्होंने उलजुलूल आरोप मेयर पर लगाना प्रारंभ कर दिया. जबकि आज चंडीगढ़ असली मुद्दा मुद्दा बिजली का निजीकरण का है, जिसके अंदर चंडीगढ़ में दूसरा अडानी लाने की कोशिश की जा रही है. जब इस मुद्दे को हमारे साथियों ने उठाया तो इनको तकलीफ हो गई. खासक इनके जो मनोनीत पार्षद अनिल मसीह, जिन्होंने देश-विदेश में चंडीगढ़ का नाम बदनाम करने का काम किया था. उन्होंने मेयर चुनाव के दौरान वोटों की हेराफेरी की थी. आज वो उल-जलुल बोल रहे थे. गंदी शब्दावली का प्रयोग कर रहे थे. लोगों के साथ हाथापाई कर रहे थे. उन्होंने सारा माहौल खराब किया. मुझे तो हैरानी इस बात की है, भाजपा के पार्षद उनको बचाने और उनके समर्थन में खड़े हो गये. जबकि उनको ऐसा नहीं करना चाहिए. जबकि सबको पता है उन्होंने कैसा काम किया था. उस समय हमें कहा गया था कि उनके बारे में कोई बात नहीं किया जाए. उस समय कहा गया था कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं था. या वे बहुत ज्यादा डिप्रेस्ड थे. आज जब उनको मेयर के दफ्तर के बाहर देखा तो उनको कोई शर्मिंदगी नहीं है. उनको कोई एहसास नहीं है. जिस तरह से वे आज सवाल उठा रहे थे. मैं उनकी निंदा करता हूं. साथ भाजपा के पार्षदों को ताकीद करता हूं कि ऐसे आदमी के साथ खड़े न दिखाई दें, जिन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है. लोकतंत्र को शर्मशार किया है.

भाजपा ने मेयर पर लगाया आरोप (Etv Bharat)

मैंने कोई पोस्टर खींचा नहीं. बीच में किसी ने किया हो तो मुझे पता नहीं. अगर कोई जानबूझकर गाली गलोज करेगा तो लोगों को भी ऐसा करना पड़ेगा न. मेरे साथ किसी की हाथापाई नहीं हुई है. ज्यादा लोग थे. ज्यादा पार्षद थे, भीड़ भाड़ में थोड़ा बहुत हो जाता है. अभी जो सीट पर मेयर हैं, पहले पाषर्द थे तो हर बार डंपिग ग्राउंड का मामला उठाते थे. बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. स्किन से संबंधित समस्याएं हो रही हैं. बच्चों की शादी नहीं पा रही है. जब से मेयर बने हैं तब से उन्होंने एक बार भी नहीं देखा है कि मेरा डंपिंग ग्राउंड छोटा हो रहा है या बड़ा हो रहा. -कंवर राणा, भाजपा पार्षद

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